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Ayodhya land dispute : अंतिम दिन SC में मुस्लिम पक्ष के वकील ने फाड़ा नक्शा, जानिए वजह - Sabguru News
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Ayodhya land dispute : अंतिम दिन SC में मुस्लिम पक्ष के वकील ने फाड़ा नक्शा, जानिए वजह

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Ayodhya land dispute : अंतिम दिन SC में मुस्लिम पक्ष के वकील ने फाड़ा नक्शा, जानिए वजह
ayodhya-land dispute rajiv-dhawan-tear-map-of-ram-janmbhoomi in supreme-court
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नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई के दौरान पल पल बदलते घटनाक्रम के बीच मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बुधवार को नक्शा और दस्तावेज फाड़ डाले। बुधवार को इस सुनवाई का 40वां दिन और अंतिम दिन था। अंतिम दिन हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष दलीलें सुनी गई। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। 23 दिन में सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर फैसला देगा।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर की संविधान पीठ के समक्ष ऑल इंडिया हिन्दू महासभा के वकील विकास कुमार सिंह ने कुणाल किशोर की पुस्तक ‘अयोध्या रीविजिटेड’ पेश किए।

धवन ने इस पर आपत्ति जताई, और न्यायालय से आग्रह किया कि इस पुस्तक को रिकॉर्ड में नहीं लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हाल ही में लिखी गई है और इसे साक्ष्य के रूप में नहीं लिया जा सकता।

सिंह ने फिर एक नक्शा का हवाला दिया, और इसे तय नियमों के तहत मुस्लिम पक्ष के वकील को भी सौंपा। धवन ने उस नक्शे को फ़ाड़ दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी भरे लहजे में उन्हें कहा कि कुछ और भी फाड़ दीजिए। इसपर धवन ने और भी दस्तावेज फ़ाड़ दिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यदि ऐसे ही चलता रहा तो हम उठकर चले जाएंगे।

बता दें, हिंदू पक्ष के वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने इस नक्शे को पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब ‘Ayodhya Revisited’ से निकालकर अदालत में पेश किया था। ये किताब 2016 में प्रकाशित की गई थी। इस किताब में लिखा गया है कि अयोध्या स्थित राम मंदिर को 1528 में मीर बाकी ने ध्वस्त नहीं किया था। बल्कि इसे 1660 में औरंगजेब के रिश्तेदार फिदाई खान ने तोड़ा था।

किताब के अनुसार, 6 दिसंबर 1992 को जिस विवादित ढांचे को तोड़ा गया था, वो बाबरी मस्जिद नहीं थी। यहां पर राम मंदिर विराजमान था। किताब में कहा गया है कि बुकानन के रिकॉर्ड्स के मुताबिक औरंगजेब के शासनकाल में अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिर तोड़े गए थे।