नयी दिल्ली | सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ‘आयुष्मान भारत’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई ब्रांड नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे देश के गरीबों के लिए इस योजना को लाये हैं और इसलिए प्रत्येक राज्य सरकार को राजनीति से हटकर जनता की भलाई के लिए इसे लागू करना चाहिए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन को लेकर लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गये सवालों के जवाब में कहा कि देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को पाँच-पाँच लाख रुपये सालाना की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाली आयुष्मान भारत योजना में अब तक 16 हजार से अधिक सरकारी अस्पताल पंजीकृत हो चुके हैं और लगभग आठ करोड़ लोगों को कार्ड जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों ने बहुत सोच विचार के बाद सभी प्रकार की बीमारियों के उपचार की दरों के निर्धारण के साथ 1,393 पैकेज तैयार किये हैं। कोई भी लाभार्थी देश के किसी भी कोने में इसका लाभ ले सकता है।
पश्चिम बंगाल से जुड़े एक पूरक सवाल के जवाब में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जनवरी 2019 में आयुष्मान भारत योजना से बाहर आने का फैसला किया है जिससे मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर का इलाज करा रहे एक रोगी का उपचार अवरुद्ध हो गया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के अलावा तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब में यह योजना लागू नहीं हुई है जबकि अोडिशा से इस बारे में सकारात्मक बात चल रही है। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी बात कर रहे हैं।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय द्वारा राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना को बेहतर बताये जाने के तर्क काे नकार दिया और कहा, “आयुष्मान भारत हमारा कोई ब्रांड नहीं है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश के गरीबों के लिए इस योजना को लाये हैं इसलिए प्रत्येक राज्य सरकार को राजनीति से हटकर जनता की भलाई के लिए इसे लागू करना चाहिए।