उत्तर प्रदेश : Azam khan speech 2019 कुछ समय पहले हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ के बयान जिसमें आदित्य योगी नाथ ने यह बयान दिया कि यदि कांग्रेस सपा को यदि अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंगबली पर विश्वास है। इसको लेकर मीडिया में और जनता में धर्म के नाम पर राजनीति को लेकर काफी ज्यादा दबाव में रहे आदित्य योगी नाथ के जवाब में कानपुर के मंत्री आजम खान ने कुछ ऐसा जवाब दिया जिससे कि मीडिया में और जनता में एक नया आगाज़ चुका है।
बजरंगबली को बना डाला बजरंगअली
मंत्री आजम खान ने कहा बजरंगबली को कभी किसी ने नहीं अपनाया कभी बजरंगबली को चमार बताया तो कभी बजरंगबली को श्रीलंका का बताया और कभी बजरंगबली को स्वीकार करने से ही मना कर दिया गया इसके चलते आजम खान ने यह कहा कि हम कहते हैं बजरंगबली मुस्लिम है और हम उन्हें मुस्लिम मानकर बजरंगअली के नाम से संबोधित करेंगे बजरंग यानी बजरंगअली हमारे साथ है और यह कहते हुए बजरंगअली तोड़ दे दुश्मन की नली और इस तरह के नारे लगाते हुए उन्होंने मीडिया और जनता को अपना ध्यान खींचने में काफी ज्यादा मुकाम हासिल कर लिया।
भगवान को भी बना दिया नेता
इसको लेकर यह बात भी समझ आती है कि राजनीति केवल धर्म के नाम पर हो रही है चाहे वह योगी आदित्यनाथ ने करी हो चाहे कानपुर के मंत्री हैं लेकिन इसके पीछे का मुख्य कारण क्या रहा शायद यह राजनीतिज्ञ यह मानते हैं कि धर्म के नाम पर लोगों का ध्यान खींच कर वोट पाना आसान हो जाएगा जो की बहुत ही गलत है।
बजरंगी भाईजान vs बजरंगअली
लेकिन एक सीधी सी बात है जब सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान में बजरंगी नाम के साथ बजरंगी भाईजान का इस्तेमाल किया तो लोगों ने खूब ताली बजाई और इस फिल्म को काफी ज्यादा प्रेरणादायक मानकर इसकी काफी तारीफ करें और करें भी क्योंकि फिल्म में एक हिंदू धर्म के युवक का मुस्लिम के साथ जो प्रेम साबित किया गया है वह बहुत ही अनोखा था।
धर्म के नाम पर मतदान
इसलिए अगर सोचा जाए तो यह बात बिल्कुल आसान सी है यदि बजरंगी भाईजान से तकलीफ नहीं तो बजरंग बली से तकलीफ क्यों हालांकि इस तरह की चीज है तो राजनीति में होती रहती हैं। जरूरी यह है कि आप कितना सतर्क है और सचेत है इसको लेकर आप क्या सोचते हैं और इस तरह की धर्म से जुड़ी तोड़ी मरोड़ी हुई बातों में आकर आप अपना मतदान करते हैं या आप धर्मनिरपेक्ष हो कर एक सही चुनाव करते हैं।