चंद्रापुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वर्गीय बाबा आम्टे की पोती एवं वरोडा स्थित महारोगी सेवा समिति की सीईओ डा. शीतल आम्टे कराजगी ने खुदकुशी कर ली है।
शीतल ने आनंदवन स्थित अपने निवास पर खुद को जहर का इंजेक्शन लगा लिया और मामले की जानकारी मिलने के बाद उन्हें इलाज के लिए पास के चंद्रपुर के वरोड़ा उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सुश्री आम्टे के खुदकुशी करने की वजहों का अब तक खुलासा नहीं हो सका है।
शीतल आम्टे पूरे आनंदवन की प्रभारी मंत्री थीं और वह बाबा आम्टे की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व कर रही थीं। वह शीतल आमटे विकास और भारती आम्टे की बेटी और राष्ट्रपिता गांधी के अनुयायी बाबा आम्टे की पोती हैं, जिन्होंने महाराष्ट्र राज्य के आनंदवन में कुष्ठरोगियों के लिए एक पुनर्वास घर की स्थापना की थी।
स्वास्थ्य देखभाल, पुनर्वास, शिक्षा और कृषि से लेकर आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों तक, सुविधाओं को चलाने के लिए उनकी ‘महारोगी सेवा समिति’ की स्थापना की गई है। आम्टे ने मेडिसिन की पढ़ाई की और बाद में वह अपने दादा की परंपरा को निभाते हुए आनंदवन में काम करने वाले अपने परिवार में शामिल हो गईं।
वर्ष 2016 में, वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम द्वारा आम्टे को यंग ग्लोबल लीडर नामित किया गया था। वह संयुक्त राष्ट्र के इनोवेशन एंबेसडर और आई4पी (शांति के लिए नवाचार) के सलाहकार के रूप में भी चुनी गईं।