अजमेर। मोहर्रम के मौके पर राजस्थान में अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में बाबा फरीद का चिल्ला सोमवार को खोला जाएगा।
बाबा फरीद गंज-ए-शक्कर के नाम से मुस्लिम संप्रदाय में श्रद्धा और आस्था के साथ जाने वाले बाबा का चिल्ला मोहर्रम के दौरान साल में एकबार महज 72 घंटों के लिए ही मोहर्रम की चार तारीख को खोला जाता है।
इस दिन देशभर से हजारों हजार जायरीन मिनी उर्स के रूप में अजमेर में शिरकत करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकारी गाइडलाइन की रोशनी में पासधारक चुनिंदा खादिम समुदाय ही चिल्ले की साफ सफाई कर जियारत करेंगे तथा दुआ मांगेंगे।
दरगाह शरीफ में चिल्ला वही स्थान है जहां बाबा फरीद ने चालीस दिन ठहरकर इबादत की थी। उल्लेखनीय है कि बाबा फरीद की मजार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पाक पट्टन में है जहां मोहर्रम की ही पांच तारीख को सालाना उर्स भरा जाता है। जो भारतीय मुसलमान पाकिस्तान नहीं जा पाते वे मोहर्रम के मौके पर अजमेर दरगाह शरीफ स्थित चिल्ले पर जियारत करने आते हैं पर इस बार रस्में सांकेतिक रूप से अदा की जा रही हैं।