केदारनाथ, यमुनोत्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए है। अब बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे। यह घोषणा बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने की। इससे पहले 29 अक्टूबर को सुबह 8.30 बजे भगवान केदारनाथ के कपाट भी बंद हो गए। ऐसे ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद हो चुके हैं।
17 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा का भी समापन हो जाएगा। आपको बता दें कि इस साल 9 मई को केदारनाथ धाम के, वहीं 10 मई को बद्रीनाथ के कपाट खोले गए थे। मंदिर समिति के रिकॉर्ड के मुताबिक इस साल अक्टूबर महीने की शुरुआत तक 10.42 लाख लोगों ने बद्रीनाथ और लगभग 9.09 लाख लोगों ने केदारनाथ के दर्शन किए हैं।
पिछले साल 6 महीने केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए खोला गया था इस दौरान 7 लाख 31 हजार भक्त यहां दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। वहीं 10 लाख 48 हजार भक्तों ने बद्रीनाथ के दर्शन किए थे। आपको यहां जानकारी दे दें कि कि केदारनाथ मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुफा में ध्यान लगाने के बाद से यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। पिछले साल मई में प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ दर्शन के लिए पहुंचे थे।
भारतीय धर्मग्रंथों में चार धाम महत्वपूर्ण यात्रा मानी जाती है
भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हिंदुओं के सबसे पवित्र स्थान हैं। इनको चार धाम के नाम से भी जाना जाता हैं। धर्मग्रंथों में कहा गया है कि जो पुण्यात्मा यहां का दर्शन करने में सफल होते हैं उनका न केवल इस जन्म का पाप धुल जाता है वरन वे जीवन-मरण के बंधन से भी मुक्त हो जाते हैं। इस स्थान के संबंध में यह भी कहा जाता है कि यह वही स्थल है जहां पृथ्वी और स्वर्ग एकाकार होते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार