बदरीनाथ। उत्तराखंड स्थित भू वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट वैदिक पूजा अर्चना के साथ ग्रीष्मकालीन दर्शन के लिए शुक्रवार को खोल दिए गए।
कपाट खुलने पर बाबा बदरीनाथ के निर्वाण स्वरूप के दर्शनों के साक्षी बनने वालों में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन थपलियाल तथा अन्य लोग शामिल थे। सभी ने अखंड ज्योति के दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण किया।
शुक्रवार सुबह लगभग सवा तीन बजे दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर ने बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश किया। साढ़े तीन बजे धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने उद्धव जी की उत्सव मूर्ति के साथ मंदिर के अंदर प्रवेश किया। उद्धव और कुबेर जी की मूर्ति को गर्भगृह में रखने से पहले मां लक्ष्मी को गर्भगृह से बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया।
तड़के 3.35 बजे मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के निर्देशन में द्वारा पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ। द्वार पूजन के बाद 3:45 बजे गाड़ू घड़े को मंदिर के अंदर ले जाया गया। ठीक सुबह 4:15 बजे जयकारों के बीच बदरी विशाल के कपाट खोल दिए गए।
कपाट खुलने के दौरान वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वस्ति वाचन किया। साथ ही सेना के बैंड ने मधुर संगीत लहरियों से वातावरण को भकितमय कर दिया।
मन्दिर के निकटवर्ती गांव माणा और बामणी गांव की महिलाओं ने मंदिर परिसर में दांकुड़ी (पारंपरिक नृत्य) की प्रस्तुति दी। मंदिर के द्वार से एक किमी दूरी तक भक्तों ने लाइन लगाकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए।