SABGURU NEWS | देवबंद आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष और सांसद बदरूद्दीन अजमल ने असम में उनकी पार्टी के जनसंघ से भी ज्यादा तेजी से फैलने संबंधी सेनाध्यक्ष विपिन रावत के बयान पर एतराज जताते हुये अाज कहा कि वह इस मसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से शिकायत करेंगे।
दारूल उलूम देवबंद की सर्वोच्च प्रबंध समिति की बैठक में भाग लेने के बाद मौलाना ने पत्रकारों से कहा कि सेनाध्यक्ष सियासत में दखल नहीं दे सकते। उन्होंने अपनी चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलकर जताई है। राष्ट्रपति से भी समय मांगा है। उनसे भी शिकायत करेंगे। बदरूद्दीन के मुताबिक उन्हें एक तरह से धमकी दी थी जो उचित नहीं है। वह बिना डरे अपनी पार्टी की मजबूती पर ध्यान देंगे।
बंगलादेशी नागरिकों की असम में मौजूदगी के विवाद पर सांसद बदरूद्दीन ने कहा कि राजीव गांधी के साथ हुए
समझौते में तय हुआ था कि बंगलादेशियों को यहां का नागरिक माना जाएगा और उसके बाद के लोगों को स्वीकार
नहीं किया जाएगा। इस मामले को लेकर नेशनल रजिस्टर सिटीजन (एनआरसी) की याचिका पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है। इस मामले में न्यायालय के फैसले का इंतजार करना उचित है। जो भी उसका फैसला आएगा वह सभी को मान्य होना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि न्यायालय से बाहर मंदिर-मस्जिद विवाद के हल की कोशिश में लगे आध्यात्मिक गुरू की अनर्गल बयानबाजी देश के सांप्रदायिक सौहाद्र के लिये खतरनाक है। श्री श्री रविशंकर एक बड़ी धार्मिक शख्यिसत हैं। उन्हें अपनी गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। राम जन्म भूमि मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि मुसलमानों को कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा। ऐसे में आर्ट आफ लीविंग के संस्थापक की बयानबाजी से देश का माहौल बिगड़ सकता है।
असम में डूब्री संसदीय क्षेत्र के प्रतिनिधि मौलाना अजमल ने कहा कि कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का हिस्सा हैं जिसमें 18 दल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे 13 मार्च की शाम को सोनिया गांधी द्वारा दी जाने वाली दावत में शामिल होंगे हालांकि उन्होने यह बताने से इंकार कर दिया कि वे लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ेंगे या फिर अकेले ही लड़ेंगे।