Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
अजमेर में बादशाह की सवारी-ajmer mai holi par nikli badshah ki sawaari
होम Rajasthan Ajmer हादसों और बदसुलूकी का दंश दे गई अजमेर में बादशाह की सवारी

हादसों और बदसुलूकी का दंश दे गई अजमेर में बादशाह की सवारी

0
हादसों और बदसुलूकी का दंश दे गई अजमेर में बादशाह की सवारी
अजमेर में बादशाह की सवारी के दौरान बाजार में बंद दुकानें।

अजमेर। अजमेर शहर में दोपहर बाद धूमधाम से निकली सम्राट अशोक की सवारी (बादशाह की सवारी) शाम ढलते ढलते हादसों और उलाहनों में बदल गई। गुलाल और फूलों से चिकनी हुई शहर के मुख्य बाजारों और चौराहों की सडकों पर रह रहकर दुपहिया वाहनों के फिसलन का सिलसिला रात तक नहीं थमा। जब तक किसी चोटिल को आस पास के लोक संभालते तब तक कोई दूसरा हादसे का शिकार बन जाता।

कुछ ऐसा ही आलम महावीर सर्किल चौराहे समेत शहर में कई जगहों पर नजर आया। लाखों रुपए का सरकारी बजट फूंक कर तात्कालिक खुशी और उल्लास के लिए निकाली गई बादशाह की सवारी को लोग कोसने लगे। चोटिल और परेशान लोगों कोई सुनने वाला नहीं था। सब नगर निगम को कोस रहे थे। लोगों का कहना था कि सवारी के नाम पर अत्यधिक फूलों के इस्तेमाल का खामियाजा भुगतना पड रहा है। समय रहते सडक की धुलाई कर दी जाती तो फिसलन खत्म हो जाती। महावीर सर्किल पर तो आखिरकार पब्लिक और आसपास के दुकानदारों ने ही हादसों को कारण बन रहे गुलाल और फूलों को अपने सीमित संसाधनों के जरिए हटाना शुरू किया।

विदेशी महिला पर्यटक के साथ बदसलूकी

हद तो तब हो गई जब सुभाष उद्यान पर बादशाह की सवारी समाप्त होने पर वहां जमा भीड में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों ने एक विदेशी महिला पर्यटक के साथ बदसलूकी करने की कोशिश की। गुलाल के उड रहे गुबार के बीच वह महिला पर्यटक रंगों से सराबोर सडक पर बिखरे फूलों को चुन रही थी। इसी दौरान उसे कुछ लोगों ने घेर लिया और अभद्रता करने लगे। उस पर सडक पर बिखरी गुलाल उठाकर डाल दी गई। मामला बढता देख पास ही मौजूद एक ट्रेफिक सिपाही ने दखल दिया तब कहीं जाकर वह महिला पर्यटक उन लोगों के चंगुल से निकल सकी।

बतादेंकि अजमेर नगर निगम की ओर से सोमवार को होली के उपलक्ष्य में सम्राट अशोक की सवारी निकाली गई। इसमें पार्षद राजेन्द्र सिंह पंवार सम्राट बने और मेयर धर्मेन्द्र गहलोत सहित बाकी सभी उनके दरबारी। शाम करीब साढ़े चार बजे नगर निगम परिसर से ऊंट-घोड़ों के लवाजमे के साथ सम्राट रवाना हुए। ढोल और बैंड बाजे की गूंज के बीच ट्रक में सवार सम्राट जमकर गुलाल बरसा रहे थे।

उनके साथ ट्रक में सवार युवक गुलाल की पुड़िया मकान, दुकानों की छत पर खड़े लोगों पर उछाल रहे थे। सवारी चूड़ी बाजार, नया बाजार, आगरा गेट होती हुई सुभाष उद्यान पहुंची। जहां-जहां से सवारी गुजरी वहां पूरा आलम गुलाल से लाल हो गया।

आलम यह था कि बादशाह की सवारी आती देख आनन-फानन में दुकानदारों ने बाजार बंद कर दिए और सवारी निकल जाने के बाद राहत की सांस ली। बादशाह की सवारी में शामिल लोग तो हुडदंग में इतने मशगूल थे कि वे लोगों की परेशानी की तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे थे। डीजे की तेज आवाज और गुलाल उडाने के बीच मच रहे कोलाहल में असामाजिक तत्वों की करतूतों को कोई रोकने वाला न था। पुलिस का ध्यान पब्लिक हो रही परेशानी से इतर जुलूस के लिए रास्ता बनाने पर केन्द्रीत रहा।