अजमेर। विधानसभा चुनावों की आहट के बीच शनिवार को शहर में बहुजन क्रांति मोर्चा की रैली निकाली गई। राज्य में परिवर्तन के उद्देश्य से इस रैली की गंगानगर से 16 अगस्त से शुरूआत हुई और अजमेर भी आयोजन किया गया।
बहुजन क्रांति मोर्चा के संयोजक बीएल माचन ने कहा कि इस तरह की रैलियां भारत के 20 राज्यों में आगामी 6 माह तक आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, ओबीसी तथा अल्पसंख्यकों की संख्या देश की कुल जनसंख्या को 85 प्रतिशत है। इस वर्ग के हजारों की संख्या में संगठन हैं। इसके बावजूद इस वर्ग के लोग पीडित और शोषित सरीखा जीवन जीने को मजबूर हैं।
बहुजन क्रांति मोर्चा इन सब वर्गों को एकजुट करने के लिए इनके सक्रिय संगठनों को कॉमन प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास कर रहा है ताकि सब एकजुटता के साथ हक की लडाई लड सकें।
दुखद है कि मनुवादी ताकते और संगठन इस देश और हम पर राज कर रहे हैं। वे हमारी समस्याओं का न तो समाधान करते हैं न ही हमें आगे बढने देते हैं। समय की मांग है कि भारत के मूल निवासी अब शासन करें, क्योंकि जबतक पीडित वर्ग शासक नहीं बनेगा तब तक उनकी समस्याएं खत्म नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि गुलाम भारत में जो समस्या नहीं थी वह तथाकथित रूप से आजाद भारत में पैदा हो गई। भुखमरी, गैंगरेप, भ्रष्टाचार, नक्सलवाद, आतंकवाद नहीं गुलामी के दौर में कहीं अस्तित्व में नहीं था। लेकिन आज ये समसयाएं मुंह बाएं खडी हैं। इन सब समस्याओं का निदान करने में मनुवादी ताकतें विफल रही हैं क्योंकि इन समस्याओं को पैदा करने में इन्हीं का हाथ रहा है। बहुजन क्रांति मोर्चा अब अलख जगाने निकल पडा है, जल्द ही इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।