कांगड़ा। कोरोना वायरस के कारण बंद किए गए बजरेश्वरी मंदिर, 52 शक्ति पीठ में से एक, के बाहर आज श्रद्धालुओं के विरोध करने के कारण तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई और बाद में प्रशासन ने मंदिर खोल दिया व श्रद्धालुओं को अंदर जाने दिया गया।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के कारण बजरेश्वरी, ज्वालामुखी समेत प्रदेश सभी मंदिर आज से बंद करने के आदेश दिए हुए हैं। बजरेश्वरी मंदिर का द्वार भी सुबह ग्यारह बजे बंद किया गया। जिसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इसका विरोध किया। इनमें उत्तर प्रदेश समेत देश के कुछ हिस्सों से आए लोग शामिल थे।
उन्होंने अचानक मंदिर बंद करने के सरकार व प्रशासन के फैसले का विरोध किया यह कहते हुए कि वह लाखों रुपए खर्च कर तीर्थयात्रा पर आए हैं और उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
सूचना मिलने पर कांगड़ा एसडीएम जतिन लाल और एसडीपीओ सुनिल पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। स्थिति नियंत्रण से बाहर जाने से रोकने के लिए कमांडो भी मौके पर तैनात किए गए।
एसडीपीओ सुनिल राणा ने यूनीवार्ता को बताया कि सरकार के निर्देशानुसार मंदिर बंद किया गया था पर जब लोगों ने दर्शन की जिद की तो उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की गई। फिर भी बात नहीं बनी तो समूह को दर्शन करने देने के बाद मंदिर बंद करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि समूह में कुछ सौ श्रद्धालु थे।
उन्होंने कहा कि लोगों की धार्मिक भावनाएं देखते हुए दर्शन की अनुमति दी गई और बाद में उन्हें शहर छोड़कर जाने को कहा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं से कोरोना वायरस के कारण भाणगंगा क्षेत्र छोड़ने का अनुरोध किया गया।
मंदिर के मुख्य पुजारी राम प्रसाद शर्मा ने कहा कि दो शताब्दियों के मंदिर के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका था जब मंदिर बंद किया गया है हालांकि सरकार का यह कदम जनहित में है।