अजमेर। बांग्लादेश के 450 से ज्यादा जायरीनों ने आज राजस्थान में अजमेर दरगाह शरीफ में चल रहे ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स में शिरकत करके अपने देश की हुकूमत एवं अवाम की ओर से चादर पेश की।
दरगाह के नजदीकी शेरग्रान मोहल्ले से जायरीनों का जत्था ढोल, बाजे, ताशों के साथ बंगलादेश से लाई गई चादर लेकर दरगाह में गरीब नवाज के आस्ताने शरीफ पहुंचा और खादिम मोईन चिश्ती के नेतृत्व में मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए।
सईद नईम चिश्ती ने बताया कि बांग्लादेश से हर वर्ष चादर लाकर गरीब नवाज की बारगाह मे रजब की तीन तारीख को पेश की जाती है, लेकिन आने वाले मोहम्मदी जुम्मा होने से चादर आज रजब की दो तारीख को ही पेश कर दी गई।
उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के दल में और लोग भी शामिल होने भारत आ रहे हैं। एक बांग्लादेशी सईद नईम ने कहा कि इस्लाम में हिंसा की कोई जगह नहीं है और आज हमने भारत और बांग्लादेश में बेहतर दोस्ती, भाईचारा, मोहब्बत एवं अटूट संबंधों के लिए दुआ की है।
दल ने भारत सरकार की इस बात के लिए भी तारीफ की कि उनकी बेहतर व्यवस्था के चलते महज दो दिन में ही उन्हें आसानी वीजा उपलब्ध हो गया जिसके चलते वे अजमेर शरीफ आ पाए। दल में एक बांग्लादेशी जायरीन ऐसे भी रहे जिन्होंने लगातार 26वें उर्स में शिरकत की।