केन्द्रीय सरकार के बैंकों के विलय के विरोध में बैंक की 4 यूनियन ने 25 सितम्बर से 2 दिन स्ट्राइक पर जाने का निर्णय लिया है। यूनियन ने कहा है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो नम्बर के दूसरे सप्ताह से अनिश्चिताकालीन हड़ताल होगा।
आपको बता दें कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सरकारी बैंकों के महाविलय की घोषणा की थी। यदि यह फैसला लागू होता है तो देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 ही रह जाएगी। इस विलय का असर हर उस व्यक्ति पर पड़ेगा जिसका खाता उस इन बैंकों में है।
इससे पहले का विलय
आपको बता दें कि इससे पहले सभी स्टेट बैंकों का विलय एसबीआई में हो चुका है और विजया और देना बैंका का वियल भी बैंक ऑफ बड़ौदा में हो चुका है। इस तरह से कुल 10 सरकारी बैंकों का विलय दो बड़े बैंकों में हो चुका है।
काम-काज असर
अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो बैंकों के काम-काज पर असर होगा। ऐसे में ग्राहकों को बैंकिंग कार्य भी बाधित होंगे। ऐसे में सभी इस हड़ताल के हिसाब से ही अपने काम-काम को निपटना चाहिए।
बैंक कर्मचारियों करेंगे हड़ताल
वित्त मंत्री के फैसले के बाद से देश भर में बैंक कर्मचारी शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अब मजबूती के साथ इस फैसले का विरोध करने के लिए 4 कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल का ऐलान किया है। साथ ही, उन्होंने मांगे नहीं माने जाने पर नवंबर के दूसरे हफ्ते से अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी दी है।
आपको बता दें कि इससे पहले भी बैंक कर्मचारी यूनियन अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के सदस्यों ने 31 अगस्त को अपने-अपने बैंकों में काली पट्टी बांध कर काम करते हुए प्रदर्शन किया था।