नई दिल्ली। देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के इतिहास में सोमवार को नया पन्ना जुड़ा। देना और विजया बैंक के विलय के उपरांत बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरा बड़ा बैंक बन गया।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने दोनों बैंक के पात्र शेयरधारकों को इक्विटी शेयर जारी किए। बीएसई को भेजी जानकारी में उसने बताया है कि विजया बैंक के शेयरधारकों को 52,42,00,772 इक्विटी शेयर आवंटित किए गए हैं।
जबकि देना बैंक के शेयरधारकों को 2,48,45,11,66 इक्विटी शेयर जारी किये गये हैं। यह इक्वटि शेयर या तो डीमैट खातों में जमा करा दिए जाएंगे अथवा दोनों बैंकों के पात्र शेयरधारकों को शेयर प्रमाणपत्र भेज दिए जाएंगे।
देश के बैकिंग इतिहास में यह तीन बैंकों का पहला विलय है। इस विलय के बाद देना और विजया बैंक की सभी शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के रूप में काम करना शुरू कर देंगी। दोनों बैंकों का कारोबार तथा स्थायी और नियमित कर्मचारी अब बैंक ऑफ बड़ौदा का हिस्सा होंगे।
सरकार ने तीनों बैंकों के विलय का ऐलान पिछले साल सितंबर में किया था। इनके विलय से पहले पाँच बैंकों स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद तथा भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय किया गया था। यह विलय अप्रेल 2017 से प्रभावी हुआ था।
बैंकों का विलय बैकिंग क्षेत्र के फंसे लाखों करोड़ रुपए के ऋण से निजात पाने और ऋण उठाव फिर से पटरी पर लाने के लिए किया गया है। हानि और फंसे हुए ऋण की वजह से देना बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के उन पांच बैंकों में शामिल है जिसे पीसीए के तहत रखा गया था।