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Bank of Baroda, Vijaya Bank and Dena Bank to be merged-बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय - Sabguru News
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बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय

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बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय
Union finance minister Arun Jaitley
Union finance minister Arun Jaitley
Union finance minister Arun Jaitley

नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय कर देश का तीसरा बैंक बनाने का निर्णय लिया है और अब तीनों बैंकों के निदेशक मंडल को इस निर्णय पर विचार करना है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में सोमवार को यहां वैकल्पिक तंत्र की बैठक हुई जिसमें इन तीनों सरकारी बैंकों को विलय पर विचार करने का निर्णय लिया गया। इस तंत्र में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं। संभावित विलय के बाद इनका कारोबार करीब 15 लाख करोड़ रुपए का होगा और यह देश का तीसरा बड़ा बैंक बन जाएगा।

जेटली ने संवाददाताओं का यह जानकारी देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बैंक बनाने को ध्यान में रखकर तीनों बैंकों के विलय पर विचार के लिए कहने का निर्णय लिया गया है। अब तीनों बैंकों के निदेशक मंडल को इस प्रस्ताव पर अलग- अलग विचार कर निर्णय लेना होगा और उनके निर्णय पर ही विलय की प्रक्रिया शुरू होगी।

जेटली ने कहा कि इन तीनों बैंकों के विलय से बनने वाले बैंक का नेटवर्क बड़ा होने के साथ ही जमा लागत कम होगी और ग्राहक आधार भी बढ़ेगा। विलय से किसी भी कर्मचारी के सेवाशर्ताें के प्रभावित नहीं होने का आश्वासन देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि स्टेट बैंक समूह के बैंकों के विलय का अनुभव बेहतर रहा है और जो सबसे बेहतर सेवाशर्तें हैं उन्हें अपनाया जाता है और इससे किसी भी कर्मचारी पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा का वैश्विक स्तर पर बेहतर नेटवर्क हैं और विजय बैंक एवं देना बैंक के ग्राहकों को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही तीनों बैंक अभी सीबीएस प्लेटफॉर्म पर हैं इसलिए विलय के बाद भी ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने में कोई दिक्कत नहीं होगी बल्कि बेहतर और अधिक नेटवर्क के जरिये सेवाएं मिल सकेगी।

विलय वाले बैंक के नाम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह तब तय होगा जब इन बैंकों के निदेशक मंडल इस निर्णय को स्वीकार कर लेंगे। विलय के लिए कोई समय सीमा बताने से इंकार करते हुये उन्होंने कहा कि इसमें समय लगता है और इस पर संसद की मंजूरी की भी जरूरत होती है। हालांकि इसके लिए राष्ट्रीय बैंक से जुड़े कानून में कोई बदलाव की जरूरत नहीं होगी।

इसबीच बैंक ऑफ बड़ौदा के एक अधिकारी ने कहा कि यह प्रस्ताव तीनों बैंक के लिए बेहतर है क्योंकि विजया बैंक की पहुंच आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में बेहतर है जबकि देना बैंक की पूर्वी राज्यों में। बैंक आॅफ बड़ाैदा का महाराष्ट्र, गुजरात के साथ देश के कुछ अन्य राज्यों में बेहतर नेटवर्क है।

विलय के बाद राष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्क हो जायेगा और ग्राहक आधार बढ़ने के साथ ही कारोबार भी बढ़ेगा। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकार ने अभी इस निर्णय पर विचार करने के लिए कहा है और अब तीनों बैंक के निदेशक मंडलों को इस संबंध में निर्णय लेना है। विलय की प्रक्रिया पूरी होने में चार से छह महीने लग सकते हैं।