जयपुर। केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकों के निजीकरण संबंधी विधेयक लाए जाने के विरोध में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस से जुड़े प्रदेश में चार हजार शाखाओं में कार्यरत करीब 25 हजार कर्मचारी एवं अधिकारी आज दूसरे दिन की हड़ताल में भी शामिल हुए।
यूनाइटेड फोरम के संयोजक महेश मिश्रा ने बताया कि इस हडताल के कारण सरकारी बैंकों के ताले तक नहीं खुले और इसके साथ ही 6650 एटीएम में से अधिकांश एटीएम जो खाली हो गए उनमें दोबारा कैश नहीं भरा गया। हड़ताल के चलते कल और आज मिलाकर 20 हजार करोड रुपए का कारोबार बाधित हुआ। हड़ताल में सफाई कर्मचारी से लेकर सहायक महाप्रबंधक तक शामिल थे।
हड़ताली संगठन जिनमें एआईबीए आईबॉक,एनसीबीई, एआईबीओए, बैफी, तथा इनबॉक अपने अधिकारी वकर्मचारी सदस्यों के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। वहां पहुंचकर निजीकरण तथा सरकार की जनविरोधी एवं श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में नारे लगाए।
मिश्रा ने बताया कि दो दिन की हड़ताल के बाद शीघ्र ही यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें आगामी आंदोलन की रूपरेखा एवं तारीख निश्चित की जाएगी।