बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली की एक अदालत ने 12 साल के बेटे की गवाही पर पिता की हत्या करने वाली मां और उसके बहनोई को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अभियोजना पक्ष के अनुसार घटना की रिपोर्ट सुभाषनगर के सिठौरा इलाके में रहने वाले मृतक मनोज की मां सावित्री देवी ने दर्ज कराई थी। मनोज का विवाह 2001 में दीक्षा पुत्री नत्थू लाल निवासी सैदपुर कुर्मियान थाना बिथरी चैनपुर के साथ हुआ था। बहू दीक्षा के संबंध उसके बहनोई रविन्द्र निवासी बदायूं से हो गए थे। 19 एवं 20 नवंबर 2009 की रात को मनोज घर में मृत अवस्था में मिला था।
बिसरा जांच में आया कि मनोज को जहर देकर मारा गया। इस बीच मृतक की पत्नी दीक्षा अपने बहनोई रविन्द्र के साथ बतौर पत्नी रहने लगी। कई माह बाद दो मई 2010 को मृतक की मां की शिकायत पर मामले की रिपोर्ट थाने सुभाषनगर में दर्ज हुई।
मृतक मनोज के 12 वर्षीय पुत्र शिवम ने कोर्ट में गवाही दी कि मां पिता के साथ झगड़ा करती थीं। घटना वाली रात मां ने मौसा रविन्द्र के साथ मिलकर जबरन शराब पिलाई, जिसमें जहर मिला दिया।
शिवम ने विरोध किया तो चुप रहने को कहा, वरना उसे भी मार देने की धमकी दी गई। सरकारी वकील कुलदीप श्रोत्रिय ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। बाकी गवाहों ने भीे घटनाक्रम का समर्थन किया।
अपर सेशन जज – तीन सुनील कुमार वर्मा ने चश्मदीद शिवम के बयान को महत्वपूर्ण व विश्वसनीय मानते हुए हत्या के जुर्म में दीक्षा व रविन्द्र को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की आधी रकम मृतक के पुत्र शिवम को मिलेगी।