बाड़मेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने आज बाड़मेर जिले में पचपदरा पहुंचकर महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले के पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।
डॉ. पूनियां के साथ सचेतक जोगेश्वर गर्ग, सांसद पीपी चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न मेहता, विधायक हमीर सिंह भायल, पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी, पार्टी के युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा, किसान मोर्चा राष्ट्रीय मंत्री शैलाराम सारण, जिला अध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा, जोधपुर मेयर वनीता सेठ, पूर्व जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल आदि मौजूद थे।
इस मौके डा पूनियां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पचपदरा में हुई दुष्कर्म और फिर हत्या की घटना झकझोर देने वाली है, यह प्रदेश की विफल कानून व्यवस्था का परिणाम है कि आज प्रदेश की मातृशक्ति असुरक्षित है और अपराधियों के हौसलें बुलंद हैं, राज्य सरकार से पुरजोर मांग है कि अपराधियों पर कठोर कार्रवाई हो।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुर्सी बचाने के चक्कर में प्रदेश की जनता को भूल गए और महिला अपराध में राजस्थान देश में एक नंबर पर है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के आने बाद से राजस्थान में अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं और खासकर महिलाओं के प्रति अपराध के मामले प्रदेश में चरम पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में लापरवाह और नाकाम पुलिसिंग व्यवस्था है और उसका नेतृत्व करने वाले गृहमंत्री भी पूरी तरह से विफल हैं।
उन्होंने कहा कि ध्वस्त कानून व्यवस्था की वजह से बढ़े अपराधों से पूरा राजस्थान त्रस्त है और पानी सिर के ऊपर से गुजर चुका है, अब कांग्रेस के गुजर जाने का समय आ गया है, 2023 में प्रदेश की जनता कांग्रेस को हमेशा के लिए सत्ता से विदा कर देगी।
डा पूनियां ने कहा कि कांग्रेस शासन में राजस्थान में लगातार दुष्कर्म और हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसी घटनाएं सरकार और समाज के लिए चुनौती हैं। साढ़े चार वर्षों में नौ लाख से अधिक मुकदमे दर्ज हुए और महिला अपराध के एक लाख 25 हजार अधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेशभर में पुलिस का मनोबल कमजोर किया है, तीन प्रतिशत ही पुलिसिंग पर खर्च होता है, नफरी से लेकर अन्य संसधानों की कमी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान के पुलिस महकमे को मजबूत करने या उसमें नवाचार करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। साइबर क्राइम से लेकर धरातल पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए पुलिस के पास कोई योजना नहीं है और इन घटनाओं को रोकने में राज्य सरकार गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि पचपदरा की घटना में हम पीड़ितों से मिलने के लिए आए हैं। सरकार ने समझौता तो करवा दिया लेकिन पीड़ित परिवार का दर्द जानने और सम्बल देने कोई नहीं आया।
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