लाहौर। पाकिस्तान के बल्लेबाज उमर अकमल भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को दोषी ठहराए गए और उन पर क्रिकेट के सभी प्रारुपों में खेलने पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
अनुशासन समिति के अध्यक्ष रिटायर न्यायाधीश फजले मिरान चौहान ने अकमल को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की भ्रष्टाचार रोधी सहिंता की दो धाराओं के उल्लंघन का दोषी ठहराया।
अकमल पर लगे प्रतिबंध की जानकारी पीसीबी ने सोशल मीडिया पर दी। पीसीबी ने पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के मामले को लेकर अकमल पर आरोप लगाए थे और बोर्ड ने इस मामले को अनुशासन समिति को भेजा था। 29 वर्षीय अकमल को गत 20 फरवरी को अस्थायी रुप से निलंबित किया गया था।
पीसीबी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष चौहान ने अकमल और बोर्ड को नोटिस जारी कर आज होने वाली सुनवाई में पेश होने को कहा था। सुनवाई लाहौर स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में की गई।
अकमल पर अनुच्छेद 4.8.1 के तहत आरोप तय किए गए। पीसीबी ने अकमल के खिलाफ 20 मार्च को भ्रष्टाचार रोधी धाराओं को तोड़ने का आरोप लगाया था। अकमल ने हालांकि कहा था कि वह व्यवसाय और सामाजिक कार्यों के कारण कई लोगों से मिलते हैं और अगर इस दौरान कोई आरोपित व्यक्ति उनसे मिलता है तो वह इस बारे में जवाबदेह नहीं है।
अकमल इससे पहले भी कई बार विवादों में फंसते रहे हैं। अकमल पर इस साल फरवरी में फिटनेस टेस्ट के दौरान खराब व्यवहार का आरोप लगा था। उन पर पिछले साल अप्रैल में दुबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दौरान टीम क्फर्यू तोड़ने पर जुर्माना लगाया गया था।
जून 2018 में एक टीवी इंटरव्यू में स्पॉट फिक्सिंग को लेकर की गई टिपण्णी के कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सितंबर 2017 में पूर्व कोच मिकी आर्थर से अनुचित व्यवहार को लेकर उन पर प्रतिबंध लगाया गया था और विदेशी लीग में खेलने पर उनके एनओसी को वापस ले लिया गया था।
अकमल को मई 2017 में चैंपियंस ट्राफी के दौरान फिटनेस टेस्ट फेल करने के बाद उन्हें वापस बुलाया गया था। मई 2016 में उन्हें अनुशासत्मक आधार पर अहमद शहजाद के साथ वापस बुलाया गया था।
जनवरी 2016 में गलत व्यवहार के कारण उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 में खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया था। फरवरी 2014 में यातायात नियम तोड़ने के बाद वार्डन से दुर्व्यवहार करने पर लाहौर पुलिस ने उन पर जुर्माना लगाया था।