नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बवाना में स्थित उस फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें शनिवार को लगी आग में 17 लोग मारे गए थे। इन 17 लोगों में से 11 के शवों की पहचान कर ली गई है। पुलिस उपायुक्त रजनीश गुप्ता ने कहा कि बवाना इलाके की आग में मारे गए लोगों में से 11 के शवों की पहचान कर ली गई है, इनमें नौ महिलाएं व दो पुरुष हैं।
मरने वालों की पहचान बेबी देवी (40), अफसाना (35), सोनम (23), रीता (18), मदीना (55), रज्जो (65), सुखदा (42), खुशना (47), सोनी (21), सूरज (20) व रवि कांत (18) के रूप में की गई है।
गुप्ता ने कहा कि फोरेंसिक टीम विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए मौके पर पहुंच गई है, जबकि प्लॉस्टिक फैक्ट्री के मालिक को मनोज जैन गिरफ्तार कर लिया गया है। इस फैक्ट्री का इस्तेमाल पटाखों के गोदाम के रूप में भी किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि मनोज जैन को शनिवार की शाम को एक संक्षिप्त पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस ने जैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की आग को लेकर लापरवाही बरतने, गैर इरादतन हत्या व दूसरों के जीवन को खतरे में डालने व निजी सुरक्षा की धाराओं के साथ साथ कुछ दूसरी धाराओं में भी मामले दर्ज किए हैं।
गुप्ता ने कहा कि जैन फैक्ट्री चलाता है, जिसे उसने इस साल एक जनवरी से किराए पर लिया है। उन्होंने कहा कि एक घायल मजदूर के मुताबिक फैक्ट्री में पटाखों की पैकिंग का काम चल रहा था।
दिल्ली के उद्योग व शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाताओं से कहा कि जांच समिति गठित की गई है और रिपोर्ट मिलने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को आग लगने की घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की पूरी तरह जांच होगी कि लाइसेंस कैसे दिया गया, किसने लाइसेंस दिया और यह घटना कैसे घटी।
दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज तिवारी ने भी घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
पुलिस अधिकारी गुप्ता ने कहा कि पुलिस नियंत्रण कक्ष को शाम करीब 6.20 बजे बावाना औद्योगिक क्षेत्र में आग लगने की खबर मिली जिसके बाद दमकल की 10 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब आग बेसमेंट से ऊपरी मंजिलों की ओर बढ़ी तो पीड़ित बेसमेंट, पहली और दूसरी मंजिलों में फंस गए।