कराची। भारतीय मूल की पाकिस्तानी राजनेता कृष्णा कुमारी कोहली को ‘बीबीसी की विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं’ की सूची में शामिल किया गया है।
इस बार बीबीसी सूची में राजनीति, विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी लोगों तथा प्रत्येक दिन हीरो की छवि रखने वाली महिलाओं को शामिल किया गया है। दावेदारों में 60 देशों से 15 से 94 उम्र सीमा वाली महिलाएं शामिल थीं।
पाकिस्तानी नेता के बारे में बीबीसी की सूची में कहा गया कि कृष्णा महिलाओं के अधिकारों को लेकर अभियान चलाने के कारण पाकिस्तानी संसद की सदस्य निर्वाचित हुईं। जबकि पूर्व में उनसे (कृष्णा से) तीन सालों तक जबरन बंधुआ मजदूरी भी कराया गया था। कृष्णा कुमारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता और एक अनुसूचित क्षेत्र से पहली सांसद हैं।
वर्ष 1979 में पैदा हुईं कृष्णा कुमारी थरपरकर में नगारपरकर गांव की निवासी हैं जहां महिलाएं बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। उन्हें जीवन के शुरुआत में भूख और गरीबी से जमकर जूझना पड़ा तथा उन्हें बंधुआ मजदूरी तक करनी पड़ी। उनके परिवार को बंधुआ मजदूर के तौर पर घोषित कर दिया गया था तथा गांव के ही जमींदार के खेत में उन्हें काम करना पड़ा था।
तमाम दिक्कतों और परेशानियों के बावजूद अपनी जिज्ञासा पूरी करने की आदत से मजबूर कृष्णा ने अपने पड़ोस में स्थित एक अस्थाई स्कूल में अपनी शिक्षा जारी रखी। उन्होंने जीयो न्यूज को मार्च में दिए साक्षात्कार में कहा कि हमारे घर में बिजली नहीं थी इसलिए हम तेल लालटेन की रौशनी में पढ़ाई किया करते थे।
कृष्णा जब नौवीं कक्षा में थी तभी उसकी शादी हो गई। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से मेरे पति और ससुरालवाले बहुत सहयोग करने वाले थे और उन्होंने मुझे पढ़ाई को जारी रखने के लिए काफी उत्साहित किया।
कृष्णा ने वर्ष 2013 में सिंध विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की। वह अपने गांव के लोगों के साथ-साथ बंधुआ मजदूरी, कार्यस्थल पर हाेने वाले यौन शोषण तथा महिलाओं के अधिकारों को लेकर अभी भी काफी सक्रिय हैं।