मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। वह वर्ष 2016 में बोर्ड से जुड़े थे और उनका 2021 तक का करार था।
जौहरी ने पिछले वर्ष दिसंबर में अपना पद छोड़ने का फैसला कर लिया था जब पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई ने नए पदाधिकारी चुने थे। इसके बाद वह अप्रैल में पदमुक्त होने वाले थे लेकिन उन्होंने अपने पद के विस्तार की स्पष्टता नहीं होने के बावजूद अपना कार्यभार संभाले रखा।
गांगुली के नेतृत्व वाली कमेटी के हाथों में बोर्ड की कमान सौंपे जाने के बाद से ही जौहरी की जिम्मेदारी काफी कम हो गई थी। सचिव जय शाह बीसीसीआई की सभी बड़ी बैठक और आईसीसी से जुड़े मामले देख रहे थे।
लोढा कमेटी ने सिफारिशें की थी कि प्रशासन और मैनेजमेंट को अलग-अलग रखे जाने की जरूरत है जिसके बाद बीसीसीआई ने जौहरी और रंगनेकर दोनों को जून 2016 में नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्तियां बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर की शुरू की गई ‘परियोजना परिवर्तन’ का हिस्सा थीं। इस योजना का उद्देश्य बोर्ड की शासन, परिचालन और वित्तीय प्रक्रियाओं में सुधार करना था।
जौहरी की देखरेख केवल बीसीसीआई के संचालन तक सीमित नहीं थी। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के तुरंत बाद भारत के मुख्य कोच के रूप में अनिल कुंबले के हटाए जाने के विवादास्पद फैसले में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन पर 2018 में एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उस वक्त पूरी दुनिया में मी टू अभियान चल रहा था। उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी जिसने बाद में उन्हें क्लीन चिट दी थी।