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BCCI and Sports Ministry intervened in Dhoni's glove controversy - बीसीसीआई और खेल मंत्रालय महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स विवाद में हस्तक्षेप किया - Sabguru News
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बीसीसीआई और खेल मंत्रालय महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स विवाद में हस्तक्षेप किया

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बीसीसीआई और खेल मंत्रालय महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स विवाद में हस्तक्षेप किया
BCCI and Sports Ministry intervened in Dhoni's glove controversy
BCCI and Sports Ministry intervened in Dhoni's glove controversy
BCCI and Sports Ministry intervened in Dhoni’s glove controversy

मुंबई । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर भारतीय सेना के बलिदान बैज को लेकर पैदा हुये अनावश्यक विवाद में हस्तक्षेप करते हुये अपने विकेटकीपर बल्लेबाज़ का समर्थन किया है, वहीं इस बीच खेल मंत्री किरन रिजिजू ने भी बोर्ड से इस मामले में उचित कदम उठाने की अपील की है।

इंग्लैंड एंड वेल्स में चल रहे विश्वकप में हिस्सा ले रही भारतीय टीम के खिलाड़ी धोनी के ग्लव्स पर लगे भारतीय सेना के बैज को लेकर वैश्विक संस्था ने आपत्ति जतायी थी जिसके बाद अनावश्यक विवाद पैदा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने बीसीसीआई से अपील की है कि वह धोनी से उनके दस्तानों पर बने सेना के बैज को हटाने के लिए कहे।

आईसीसी नियम के मुताबिक खिलाड़ियों के कपड़ों या अन्य वस्तुओं पर अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेद आदि का संदेश अंकित नहीं होना चाहिए। हालांकि बीसीसीआई का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति(सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि बीसीसीआई ने आईसीसी को पत्र लिखा है और धोनी को उनके भारतीय सेना के बैज लगे ग्लव्स पहनकर खेलने की अनुमति देने की मांग की है।

आईसीसी के विरोध जताने के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर वैश्विक क्रिकेट संस्था की काफी आलोचना हो रही है जिसके बाद सीओए को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है। इस बीच खेल मंत्री रिजिजू ने भी बीसीसीआई से इस मामले में उचित कदम उठाने की मांग की है।

रिजिजू ने ट्विटर पर लिखा,“सरकार खेल निकायों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है, वे स्वायत्त हैं। लेकिन जब मुद्दा देश की भावनाओं से जुड़ा होता है, तो राष्ट्र के हित को ध्यान में रखना होता है। मैं बीसीसीआई से आग्रह करता हूँ की वह महेंद्र सिंह धोनी ग्‍लव्‍स मामला में उचित क़दम उठाए।”

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने भी धोनी का यह कहकर समर्थन किया है कि पूर्व कप्तान ने बलिदान देने का जो भारतीय सेना का बैज पहना है वह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं है।

उल्लेखनीय है कि विश्वकप में भारत के पहले मैच में धोनी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर इंडियन पैरा स्पेशल फोर्स के चिह्न के साथ खेल रहे थे। आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा है कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न हटवाए। धोनी के दस्तानों पर बलिदान ब्रिगेड का चिह्न है। सिर्फ पैरामिलिट्री कमांडो को ही यह चिह्न धारण करने का अधिकार है।

हालांकि आईसीसी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मैचों में वह अपने उपकरणों तथा कपड़ों पर किसी तरह के राजनीतिक,धार्मिक या नस्लभेद का समर्थन करने वाले संदेश धारण करने या ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं देता है।

अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज़ धोनी को वर्ष 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। धोनी ने 2015 में पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग भी ली थी। हालांकि इस तरह का विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले मार्च में भी रांची में आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में टीम इंडिया के खिलाड़ियों के भारतीय सेना की टोपी पहनकर खेलने पर विवाद पैदा हो गया था।

भारतीय टीम ने पुलवामा में हुये आतंकवादी हमलों में मारे गये सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप सेना की टोपी पहनी थी। धोनी ने ही अपने टीम साथियों को मैच से पूर्व ये टोपियां भेंट की थीं। खिलाड़ियों ने इस मैच से मिली कमाई को शहीदों के परिजनों को दिया था। हालांकि आईसीसी ने समाजिक कार्य के लिये धन इकठ्ठा करने के इरादे से उठाये गये इस कदम के मद्देनज़र भारतीय टीम का विरोध नहीं किया था। पाकिस्तान के खेल मंत्री ने हालांकि इसकी शिकायत वैश्विक संस्था से की थी।