नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नैतिक अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन ने हितों के टकराव की स्थिति में तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) की अध्यक्ष एवं बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ को दोषी पाया है।
न्यायमूर्ति डीके जैन ने संजीव गुप्ता की शिकायत पर गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड (आईसीएल) के चेन्नई सुपकिंग्स क्रिकेट लिमिटेड (सीएसकेसीएल) से करीबी संबंध के कारण रूपा को हितों के अप्रत्यक्ष टकराव का दोषी पाया गया है।
जैन ने 13 पन्नों के आदेश में कहा कि सीएसकेसीएल आईसीएल समूह का हिस्सा है। सीएसकेसीएल के पास आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स का स्वामित्व है, हालांकि टीएनसीए इस आदेश को अदालत में चुनौती दे सकता है।
ये सभी तथ्य दर्शाते हैं कि आईसीएल समूह के अंतर्गत कई इकाइयों का जाल बुना गया था, जिसमें सीएसकेसीएल भी शामिल है। इन सभी इकाइयों का प्रबंधन और संचालन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आईसीएल के बोर्ड के पास था। इसके बावजूद बचाव पक्ष ने कहा कि आईसीएल की सीएसकेसीएल में कोई हिस्सेदारी नहीं है।
जैन ने कहा कि मौजूदा तथ्यात्मक हालात को देखते हुए यह निष्कर्ष निकालना सुरक्षित होगा कि रूपा का आईसीएल की पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर के रूप में आईसी शेयरहोल्डर्स ट्रस्ट एवं सीएसकेसीएल के निदेशकों से करीबी रिश्ता है, जिनका बीसीसीआई के साथ फ्रेंचाइजी करार है। यह नियम 1 (1) के अंतर्गत हितों के टकराव का प्रारूप है।
समझा जाता है कि यह जैन के अंतिम आदेशों में से एक हो सकता है, क्योंकि उनका अनुबंध सात जून को खत्म हो रहा है और बीसीसीआई को फैसला करना है कि वह यह अनुबंध बढ़ाता है या नहीं। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई का इस फैसले के बाद क्या रुख रहेगा।
बोर्ड राज्य संघ को इस फैसले के खिलाफ नए नैतिक अधिकारी के समक्ष या अदालत में अपील की स्वीकृति भी दे सकता है। उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई की मान्यता प्राप्त इकाइयों की पहली महिला अध्यक्ष रूपा इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड (आईसीएल) की पूर्णकालिक निदेशक हैं।