नयी दिल्ली। भारत और दुनिया भर के क्रिकेटर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन को लेकर खासे बेताब हैं और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को बेशुमार दौलत से भरपूर इस टी-20 टूर्नामेंट के आयोजन के लिए 30-40 दिन के विंडो की जरूरत है।
यदि इस साल आईपीएल का आयोजन नहीं हो पाता है तो बीसीसीआई को 4000 करोड़ रुपये का भारी भरकम नुकसान हो सकता है। आईपीएल न होने की स्थिति में खिलाड़ियों को भी उनका करोड़ों रूपया नहीं मिलेगा। आईपीएल को 29 मार्च से शुरू होना था लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात ने आईपीएल को अपने यहां आयोजित करने की भी पेशकश की है लेकिन आईपीएल खुद विंडो की तलाश में है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना है कि भारत सरकार ने यात्रा प्रतिबन्ध लगा रखे हैं इसलिए आप यात्रा नहीं कर सकते।
धूमल का यह भी कहना है कि यदि अक्टूबर नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप नहीं हो पाता है तो उस समय आईपीएल का आयोजन किया जा सकता है। यदि आईपीएल का आयोजन होना है तो उसके आयोजन के लिए 30-40 दिन के विंडो की जरूरत होगी।
हालांकि किसी भी विंडो के लिए विदेशी खिलाड़ियों को लाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। फ्रेंचाइजी टीमें चाहती हैं कि आईपीएल जब हो उसमें विदेशी खिलाड़ी खेलने चाहिए। भारतीय कोच रवि शास्त्री का कहना है कि आईपीएल और द्विपक्षीय सीरीज से क्रिकेट की कोरोना के बाद शुरुआत की जानी चाहिए।