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बीसीसीआई सीओए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं अमिताभ चौधरी - Sabguru News
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बीसीसीआई सीओए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं अमिताभ चौधरी

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बीसीसीआई सीओए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं अमिताभ चौधरी
BCCI secretary, CoA chairman trade punches over new player contracts
BCCI secretary, CoA chairman trade punches over new player contracts
BCCI secretary, CoA chairman trade punches over new player contracts

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव अमिताभ चौधरी ने खिलाड़ियों के नए अनुबंध पर प्रशासकों की समिति (सीओए) पर कानून तोड़ने का आरोप लगाया है और अब वह सीओए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने की योजना बना रहे हैं।

चौधरी की नाराजगी से खिलाड़ियों के नए अनुबंध खटाई में पड़ सकते हैं। चौधरी का कहना है कि उनके समेत बोर्ड के शीर्ष तीन पदाधिकारियों से खिलाड़ियों से बातचीत प्रक्रिया के दौरान विचार विमर्श नहीं किया गया था।

बीसीसीआई ने बुधवार को 26 खिलाड़ियों को नए अनुबंध देने की घोषणा की थी जिसमें ए प्लस का नया ग्रेड शुरू किया गया है। ए प्लस में शामिल पांच क्रिकेटरों को सात- सात करोड़ रुपए मिलेंगे।

इस सूची को पूर्व भारतीय विकेटकीपर एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय चयन पैनल ने तैयार किया है। चौधरी का दावा है कि चयन पैनल का संयोजक होने के बावजूद उनसे कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया।

चौधरी ने कहा कि मैं फैसला लेने वाली किसी भी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हूं। जहां तक मैं जानता हूं बीसीसीआई के पदाधिकारियों में कोई भी इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था।

उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रीय चयन समिति का संयोजक हूं और मैं पुष्टि करता हूं कि इस मुद्दे पर चयन पैनल की कोई बैठक नहीं हुई। सीओए ने कानून तोड़ा है और मैं इस बात को उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में लाऊंगा।

दूसरी तरफ सीओए के प्रमुख विनोद राय ने चौधरी के आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है। राय ने कहा कि पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई थी क्योंकि नए अनुबंध की सिफारिशों को बीसीसीआई की वित्त समिति को पिछले सितम्बर में ही भेज दिया गया था।

राय ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता वाली वित्त समिति ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया था। इस समिति में बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, पिछले पांच महीनों में एक बार भी वित्त समिति की बैठक नहीं बुलाई गयी।

सीओए अध्यक्ष ने कहा कि खिलाड़ियों के अनुबंध को लटकाए रखना अनुचित होता क्योंकि उन्हें किसी और तरीके से सुरक्षा नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि खिलाडी पिछले अक्टूबर से बिना किसी अनुबंध के खेल रहे हैं। बड़ा मुद्दा यह है कि अनुबंध के बिना बीसीसीआई उनका बीमा नहीं कर सकती।

बीसीसीआई में सीओए के आलोचकों का कहना है कि राय बीमा के मुद्दे को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने चुनौती दी कि सीओए वित्त समिति को भेजे पत्र को दिखाएं क्योंकि पदाधिकारियों को ऐसे किसी भी पत्र व्यवहार की जानकारी नहीं है।

चौधरी के अनुसार धन को लेकर किसी भी फैसले को बीसीसीआई की आम सभा यानी कार्य समिति में लाना चाहिए लेकिन कार्य समिति की पिछले कई महीनों में कोई बैठक नहीं हुई है।

राय सहमत हैं कि खिलाडी अनुबंध जैसे मुद्दे को पहले वित्त समिति में लाया जाना चाहिए जो इस पर प्रस्ताव पारित करे और फिर इसे बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में मंजूर कराया जाए। बीसीसीआई के कई राज्य संघों ने अब तक लोढा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया है इसलिए सीओए ने एजीएम पर रोक लगा रखी है।