नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने जम्मू हाइकोर्ट बार एसोसिएशन और कठुआ बार एसोसिएशन को तत्काल प्रभाव से हड़ताल खत्म करने का निर्देश दिया है।
बीसीआई के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि हमने इस संबंध में उनसे आग्रह कर सोमवार को इस मुद्दे पर बैठक के लिए निर्देश जारी किए हैं।
बीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि यदि कोई भी अधिवक्ता दोषी पाया जाता है तो परिषद उसका लाइसेंस रद्द करने से भी पीछे नहीं हटेगी। उच्चतम न्यायालय की ओर से नोटिस मिलने के बाद बार काउंसिल की बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया।
जम्मू क्षेत्र में आठ वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने के मामले को लेकर कठुआ और जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन ने हड़ताल करने की घोषणा की थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया था।
जम्मू बार एसोसिएशन ने 13 अप्रेल को कहा था कि वह कठुआ दुष्कर्म एवं हत्याकांड मामले की सीबीआई जांच की मांग को सांप्रदायिक रंग दिए जाने के कारण अपनी हड़ताल 17 अप्रेल तक के लिए बढ़ा रही है।
इस मामले में गिरफ्तार लोगों पर आरोप है कि उन्होंने आठ साल की बच्ची को जनवरी में एक सप्ताह तक कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा था। बच्ची को नशीला पदार्थ देकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
हत्या के लगभग दो दिनों के बाद 17 जनवरी को बच्ची के शव को जंगल से बरामद किया गया। नाबालिग आरोपी के खिलाफ अलग से आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 15 पन्नों का आरोप-पत्र दाखिल किया था जिनमें आठ आरोपियों के नाम शामिल हैं। आरोपियाें ने बच्ची के साथ दरिंदगी की हद पार की है।
आरोप-पत्र के अनुसार इस पूरी दरिंदगी के पीछे का साजिशकर्ता सनजी राम है। पुलिस ने दावा किया है कि रासना गांव में देवीस्थान के सेवादार सनजी राम ने बकरवाल समुदाय (अल्पसंख्यक समुदाय) को इलाके से हटाने के लिए बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की साजिश रची थी। इस घिनौने कृत्य में सनजी राम के अलावा उसका नाबालिग भतीजा और पुलिस अधिकारी भी शामिल है।
आरोप-पत्र के अनुसार 10 जनवरी को सनजी राम के कहने पर उसके भतीजे ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर बच्ची काे अगवा कर लिया। बच्ची को नशीली दवाएं देकर देवीस्थान ले जाया गया जहां सभी आठ आरोपियों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया।
करीब एक सप्ताह तक बच्ची को बंधक बनाकर रखा गया और आरोपी उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। इस दौरान पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया के नेतृत्व में पुलिस सनजी राम के घर भी पहुंची, लेकिन उसने रिश्वत देकर उनका मुंह बंद कर दिया।
आरोप-पत्र में दरिंदगी की हद का जिक्र करते हुए कहा गया कि बच्ची को मारने के लिए जब आरोपी उसे एक पुलिया के पास ले गए तो पुलिस अधिकारी ने उनसे बच्ची को अभी नहीं मारने को कहा क्योंकि वह भी दुष्कर्म करना चाहता था। इसके बाद आरोपियों ने बच्ची को मारकर जंगल में फेंक दिया।