नई दिल्ली। यह खबर जो हम आपको बताने जा रहे हैं देश की राजधानी दिल्ली से है। दिल्ली से यह खबर जरूर है, लेकिन न ताे राजनीति से जुड़ी है न संसद से न ही चुनाव की है, बल्कि एक ऐसी खबर है जो आपको लगभग एक माह तक सुकून देने वाली है। यह समाचार राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन को लेकर है। जी हां सैकड़ों फूलों से खिल खिला यह मुगल गार्डन अपनी सुंदरता और खूबसूरती दिखाने के लिए आपको बुला रहा है। राष्ट्रपति भवन का यह मुगल गार्डन अब आम जनता के लिए हर साल की तरह इस बार भी 5 फरवरी से खुलने जा रहा है।
लगभग एक माह तक या जनता के लिए खुला रहेगा 8 मार्च तक आपके पास मौका है इसके दीदार करने का। राष्ट्रपति भवन के उद्यान के अधीक्षक पीएन जोशी ने इसकी घोषणा की। इस दौरान लोग सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक मुगल गार्डन की सैर कर सकेंगे। सोमवार को छोड़कर 8 मार्च तक दर्शक निशुल्क मुगल गार्डन में जा सकेंगे।
इस बार मुगल गार्डन को और भी आकर्षण बनाया गया है
इस बार राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन को और भी आकर्षण बनाया गया है। मुगल गार्डन में फूलों के अलावा ऑर्गेनिक सब्जियां, फल भी देखने को मिलेंगे। ट्यूलिप, गुलाब और कई तरह के मौसमी फूल भी बाग में आनेवालों को अपनी ओर आकर्षित करते नजर आएंगे। लगभग 10,000 ट्यूलिप, गुलाबों की अलग-अलग 138 किस्म और 70 तरह के लगभग 5000 मौसमी फूल रहेंगे। दुर्लभ गुलाबों के लिए मशहूर उद्यान में मुख्य आकर्षण का केंद्र इस बार ‘मोनाको’ नामक गुलाब रहेगा। मोनाको नाम प्रिंस एल्बर्ट द्वितीय के नाम पर रखा गया है।
पिछले साल मोनाको के प्रिन्स एल्बर्ट द्वितीय ने उद्यान में इस गुलाब को रोपा था। इस पुष्प प्रदर्शनी में प्रख्यात लोग जैसे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मदर टेरेसा, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी, महारानी एलिजाबेथ और पहले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर विभिन्न प्रकार के गुलाबों के नाम रखे गए हैं। मुगल गार्डन गहरे रंग के गुलाबों, सफेद डेजी और ट्यूलिप की लंबू कतारों के साथ वार्षिक “उद्यानोत्सव” से वसंत का स्वागत करने को तैयार है।
आगंतुक यहां कई दुर्लभ प्रकार के फूलाें को देख सकेंगे
राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में गुलाबों को क्रिस्चियन डीयोर, किस ऑफ फायर” और “डबल डिलाइट” जैसे अनोखे नाम दिए गए हैं। यहां आगंतुकों को कुछ बहुत ही दुर्लभ प्रकार के गुलाब जैसे पतली और लंबी हरी पंखुड़ियों वाला “ग्रीन रोज”, लगभग काली बनावट वाला “ओक्लाहोमा” और “बोनन्वी” और हल्की नीली छटा वाला “ब्लू मून” और “लेडी एक्स” देखने को मिलेगा। ये बगीचा “नार्सिसस” “डहेलिया”, “स्पैराक्सिस”, “रानुन्यूकुलस”, “ह्यसिंथ” और “एशियाटिक लिली” जैसे विभिन्न प्रकार के बल्बनुमा फूलों से ढंका हुआ है। चाय के कप के आकार वाले ट्यूलिप मुगल गार्डन की पहचान हैं। विशेषकर “जम्मू पिंक” ट्यूलिप जो अपने चमकीले गुलाबी रंगों के कारण दूर से ही पहचान लिए जाते हैं।
हर वर्ष मुगल गार्डन देखने के लिए लगभग पांच लाख लोग आते हैं
राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन को देखने के लिए पूरे देश भर से हर वर्ष लगभग पांच लाख लोग आते हैं। कई पर्यटक, राष्ट्राध्यक्ष तो विदेशों से भी इस गार्डन का अवलोकन करते हैं। आगंतुक बगीचे के तीन हिस्सों चतुर्भुज, लंबे और गोल हिस्से के अलावा आध्यात्मिक उद्यान, हर्बल गार्डन और बोन्साई उद्यान भी देख सकेंगे। मुगल गार्डन जाने पर, लोग राष्ट्रपति भवन संग्रहालय भी देख सकते हैं। संग्रहाल में बगीचे की अभिलेखीय तस्वीरें और चित्र लगाए गए हैं। उद्यान पांच फरवरी से आठ मार्च तक सोमवार के अलावा पूरे हफ्ते भर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक खुला रहेगा।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार