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राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात-राजस्थान में शुरू हुई खरीद-फरोख्त की राजनीति - Sabguru News
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राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात-राजस्थान में शुरू हुई खरीद-फरोख्त की राजनीति

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राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात-राजस्थान में शुरू हुई खरीद-फरोख्त की राजनीति
Before the Rajya Sabha elections the politics of horse trading started in Gujarat-Rajasthan
Before the Rajya Sabha elections the politics of horse trading started in Gujarat-Rajasthan
Before the Rajya Sabha elections the politics of horse trading started in Gujarat-Rajasthan

सबगुरु न्यूज। हमारे देश का लोकतंत्र दुनिया भर में सराहा जाता है। राजनीति में नैतिकता की दुहाई देने के मामले में किसी भी दल का नेता कभी पीछे नहीं रहा है। जब जब नैतिकता की बात होती है तब देशभर के बड़े-बड़े नेता लोकतंत्र को साफ सुथरा बनाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन धरातल पर इस पर अमल किया जाता नहीं है।

राजनीतिक दलों के नेताओं की असली परीक्षा लोकसभा, राज्यसभा या विधानसभा चुनाव के दौरान खुलकर सामने आती है। सत्ता पाने के लिए या अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए साम-दाम, दंड भेद की नीति अपनाने से भी गुरेज नहीं करते हैं। हम बात कर रहे हैं 19 जून को होने वाले हैं राज्य सभा चुनाव की।

देशभर में 24 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। राज्यसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा खींचतान गुजरात से लेकर राजस्थान तक मची हुई है। चुनाव से पहले गुजरात में कांग्रेस के 9 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद पार्टी सहमी हुई है। अभी कुछ माह पहले ही महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अपने विधायकों को भाजपा के डर से दूसरे राज्यों में भेजने पर मजबूर हो गई थी।‌ उसके बाद अभी दो माह पहले ही मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया था।‌ उससे पहले कांग्रेस मध्यप्रदेश में भी अपने विधायकों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने में लगी हुई थी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि हर बार कांग्रेस के विधायक ने क्यों टूटते रहे हैं ? कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे या टूटने बाद सबसे बड़ा फायदा भारतीय जनता पार्टी को होता रहा है।

भाजपा पर फिर लगे विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप

कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त यानी हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए हैं। गुजरात में कांग्रेस को डर है कि भाजपा उसके कुछ और विधायकों को तोड़ न ले इसी डर के मारे पिछले कुछ दिनों से वह अपने बचे 65 विधायकों को संभालती फिर रही है। गुजरात से कांग्रेस की विधायकों को अलग-अलग क्षेत्रों में छुपाया गया है। कुछ को राजस्थान के आबूरोड भेजा गया है तो कुछ कुछ तो गुजरात के ही राजकोट के पास एक रिजॉर्ट में ठहराया गया है।

ऐसे ही राजस्थान में कांग्रेस ने अपने विधायकों को इकट्ठा कर होटल में ठहरा दिया है। राज्यसभा चुनाव को लेकर गुजरात के बाद अब भाजपा पर राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लग रहे हैं। राज्यसभा चुनाव की तीन सीटों पर चुनाव से पहले राजस्थान में चुनावी गतिविधियों तेज होने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी के विधायक एकजुट हैं और वे किसी तरह के लोभ व लालच में नहीं आएंगे।

कांग्रेस ने अपने विधायकों को संभालने के लिए बनाई है यह रणनीति

गुजरात में कांग्रेस एक रणनीति के तहत विधायकों को जोन वार अलग-अलग समूहों में रख रही है। ऐसे ही राजस्थान में कांग्रेसी विधायकों को संभालने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कमान संभाल ली है। राजस्थान में कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर दिया है। यही नहीं पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री गहलोत हर रोज अपने विधायकों के लगातार संपर्क में भी बने हुए हैं। गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा के दोनों प्रत्‍याशी अभय भारद्वाज और रमीला व्यारा जीत के प्रति निश्चिंत हैं। भाजपा ने तीसरे प्रयाशी के रूप में पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन को मैदान में लाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। मौजूदा वक्‍त में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 65 तक सीमित हो गई है। विधानसभा के चुनाव में राज्य में कांग्रेस के 77 विधायक विजयी हुए थे।

बताया जाता है कि भाजपा की ओर से नरहरि अमीन को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से ही कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि इसी खतरे को देखते हुए कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिजॉर्ट भेजने का फैसला किया है। दरअसल गुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को वोटिंग होने वाली है। अब विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 65 हो गई है। ऐसे में उनके सामने दो सीट जीतने की चुनौती है, विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार