अलवर। अलवर जिले के बहरोड़ पुलिस थाने में गोलियां बरसाकर लॉकअप से कुख्यात बदमाश को छुड़ाकर ले जाने के मुख्य आरोपी सहित तीन आरोपियों को न्यायालय ने आज 10 दिन तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
विशेष कार्य बल ने मुख्य आरोपी और 50 हजार के इनामी बदमाश दिनेश कुमार, नरेंद्र सिंह और श्यामसुंदर को गिरफ्तार किया था। जिन्हें बहरोड़ न्यायालय में न्यायाधीश आशुतोष कुमावत की अदालत में पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपीयों को 10 दिन दिन के न्यायिक हिरासत के साथ ही पुलिस हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
तकनीकि भाषा में कहें तो इस आदेश के तहत पुलिस उन्हें जेल से कभी भी पूछताछ के लिए ला सकती है। इस मामले के दो अन्य आरोपियों विक्रम और जितेंद्र को भी 12 सितम्बर को गिरफ्तार किया था और वे 16 सितंबर तक एसओजी की हिरासत में हैं।
उधर, एसओजी के अधिकारियों ने बर्खास्त हेड कांस्टेबल राम अवतार और विजय पाल एवं निलंबित थाना प्रभारी सुगन सिंह एवं घटना के वक्त संतरी कृष्ण कुमार से भी पूछताछ की। उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि थाने पर गोलियां बरसाने के आरोपी दिनेश की शिनाख्त इन्हीं पुलिसकर्मियों से कराई जा सकती है, क्योंकि फायरिंग के समय सभी थाने में मौजूद थे। इनकी भूमिका की भी एसओजी जांच कर रही है। अगर इनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई तो बर्खास्त पुलिस कर्मियों रामावतार और विजयपाल को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
उधर, थाने से फरार कराया गया कुख्यात बदमाश और एक लाख रुपए का इनामी विक्रम गुर्जर उर्फ पपला का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। उसकी तलाश मेंं एसओजी जगह-जगह छापे मार रही है। फिलहाल एसओजी उसे जीवित पकड़ना चाह रही है, लेकिन उसके मुख्य ठिकानों का पता नहीं चला है।
वैसे चर्चा यह भी है कि हरियाणा के नेता इन सभी इनामी बदमाशों का आत्मसमर्पण कराना चाहते हैं क्योंकि ये बदमाश हरियाणा के कई अपराधी गिरोहों से जुड़े हैं और वे राजनीति में भी दखल रखते बताए गए हैं। लिहाजा एसओजी फूंक फूंक कर कदम बढ़ा रही है।