भोपाल। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद दलितों के संगठनों के भारत बंद के आह्वान पर सोमवार को मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों समेत तीस से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए ग्वालियर शहर के अलावा भिंड और मुरैना में कर्फ्यू लगा दिया है। इन जिलों में बंद का समर्थन करने वाले लोगों ने दुकानों, वाहनों में तोडफोड कर कई जगह आग लगा दी। कट्टों से फायरिंग भी की। राह चलते वाहनों में सवारों के साथ भी मारपीट की।
पुलिस अधिकारी कर्मचारी कानून व्यवस्था संभालने आए तो उन पर भी हमला किया गया। इसके अलावा सागर, उज्जैन और कुछ अन्य स्थानों पर निषेधाज्ञा लगाई गई है। पूरे राज्य में पुलिस और अधिक ऐहतियात बरत रही है।
पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए अश्रुगैस के गोले छोड़े और सख्ती के साथ उपद्रवियों को खदेड़ा। शाम तक मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर और भिंड जिले में दो दो तथा मुरैना जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है। बताया गया है कि इन सभी की मौत गोलियां लगने से हुई हैं।
पुलिस का दावा है कि उपद्रवियों की ओर से चलाई गईं गोलियों से ही इन पांचों की मौत हुई है। इसके अलावा ग्वालियर में 18 से अधिक, भिंड में पांच से अधिक और मुरैना में सात से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में पुलिस अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।
हिंसा का सबसे ज्यादा असर भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिलों में रहा। इसके अलावा श्योपुर, अशोकनगर, सागर, इंदौर, देवास और कुछ अन्य स्थानों से भी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन की सूचनाएं मिली हैं।
इन स्थानों पर भी उपद्रवियों ने उत्पात मचाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस प्रशासन ने हालातों पर कुछ ही देर में सख्ती दिखाते हुए काबू पा लिया। हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच इन स्थानों पर अनेक पुलिस कर्मचारियों को भी चोट पहुंची हैं।
भिंड, मुरैना और ग्वालियर के अलावा अन्य जिलों से मिली सूचनाओं के अनुसार शाम तक सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आ गयी। हिंसाग्रस्त इलाकों के साथ ही संवेदनशील माने जाने वालीं जगहों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वरिष्ट पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
इस बीच प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा की घटनाओं में पांच लोगों की मौत की सूचना है। पुलिस प्रशासन का पहला कार्य कानून व्यवस्था बनाए रखना है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मैदान में मोर्चा संभाले हुए हैं और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ गयी है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं निलंबित की गई हैं। लोगों से शांति बनाए रखने और बहकावे में नहीं आने की अपील भी की जा रही है।
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