कोटा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान पहला कांग्रेस शासित राज्य हैं जहां से यह यात्रा गुजरेगी।
यह यात्रा मध्यप्रदेश से कोटा संभाग के झालावाड़ जिले में चंवली से राजस्थान में प्रवेश किया जो पहला कांग्रेस शासित राज्य है जहां यह यात्रा गुजरेगी। यह यात्रा कोटा संभाग के जिन छह विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, इनमें से पांच विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक है।
यह यात्रा पूरे राजस्थान में करीब 18 दिन के प्रवास पर रहेंगी और इस दौरान छ जिलों में 150 से 175 किलोमीटर चलकर 16 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी जिसमें से 11 ऐसे विधानसभा क्षेत्र है जिनका प्रतिनिधित्व कांग्रेस के विधायक करते हैं जबकि भाजपा के प्रतिनिधित्व वाले पांच विधानसभा क्षेत्र है। जिन 11 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। कोटा संभाग में श्री गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले झालावाड़, कोटा और बूंदी जिले के छह विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के मीडिया प्रभारी दिवाकर शास्त्री ने आज बताया कि यह यात्रा पूरी तरह से गैर राजनीतिक है लेकिन कोटा संभाग की दृष्टि से इस यात्रा का राजनीतिक महत्व इस बात को लेकर है कि यहां से जिन तीन जिलों में होकर यात्रा गुजरेगी, उनके छह विधानसभा क्षेत्रों में से पांच झालरापाटन (झालावाड़,) रामगंजमंडी, लाडपुरा, कोटा दक्षिण (कोटा जिला)और बूंदी जिले में केशवरायपाटन में भाजपा के विधायक है जबकि इस मार्ग पर एकमात्र कोटा (उत्तर) विधानसभा क्षेत्र ऐसा है जहां से वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल चुनाव जीते।
गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि वह राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे के गृह जिले झालावाड़ से प्रवेश किया है और उनके अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ जिले के झालरापाटन के रास्ते चलकर ही कोटा जिले की सीमा में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधित्व वाले रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करेगी। वहां होकर यह यात्रा कोटा संभाग में अपने प्रवास के दौरान लाडपुरा, कोटा (दक्षिण) ,कोटा(उत्तर) होते हुए बूंदी जिले के केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र से होकर सवाई माधोपुर जिले में चली जाएगी।
भारत जोड़ो यात्रा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कपिल यादव ने आज बताया कि राहुल गांधी की सात सितम्बर को कन्याकुमारी में गांधी मंडपम से शुरू हुई यह यात्रा 12 राज्यों से होकर कश्मीर में संपन्न होगी और यह यात्रा पूरी तरह से गैर राजनीतिक है और यह मुख्य मकसद देश में आर्थिक समानता, सामाजिक विषमताओं को त्याग कर भाईचारा बनाना, समाज के सभी वर्गों में बराबरी का अधिकार दिलाने के संदेश के साथ शुरू की गई है और अब तक यह यात्रा अपने इस गैर राजनीतिक मकसद में काफी हद तक सफल होती नजर आई है।