अयोध्या। अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर की नींव में इस्तेमाल करने के लिए देश के प्रमुख तीर्थ और मंदिरों की मिट्टी और नदियों के जल पहुंचाए जा रहे हैं और इसी कड़ी में चित्रकूट के भरतकूप से पवित्र जल का कलश श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपा गया।
चित्रकूटाधिपति मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर के व्यवस्थापक प्रदीप तिवारी ने महंत नृत्यगोपालदास को कलश सौंपा। उनसे अनुरोध किया गया है कि राममंदिर पूजन में इस जल का भी प्रयोग किया जाए।
प्रदीप तिवारी ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने वनवास काल का साढ़े 12 साल से अधिक का समय चित्रकूट में बिताया था। आज भी तपोभूमि का कण-कण प्रभु श्रीराम की कृपा से अभिसिंचित है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच अगस्त को किया जाना है।
भरतकूप से मिले जल के कलश को महंत ने प्रणाम किया और आश्वासन दिया कि पूजन में भरतकूप के जल का प्रयोग अवश्य किया जाएगा। श्रीराम जब 14 साल के वनवास में थे तब भरत उन्हें वापस लाने चित्रकूट गए थे और अपने साथ अलग अलग नदियों का जल एक कलश में ले गए थे ताकि वहीं श्री राम का राज्याभिषेक कर वापस ले आएं लेकिन श्री राम ने वनवास की अवधि पूरी हुए बिना जाने से इंकार कर दिया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उस जल को एक कुएं में डाल दिया गया जिसका नाम भरतकूप पडा। जिस तरह लोग गंगा का जल अपने साथ ले जाते हैं, उसी तरह भरत कूप का जल भी लोग अपने साथ ले जाते हैं। गंगा की तरह भरतकूप का जल भी कभी खराब नहीं होता।