जयपुर। भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में पिछड़कर 9वें स्थान पर आ गया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई देश के राज्यों ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ सूची की नेशनल रैंकिंग में राजस्थान का प्रदर्शन लगातार तीसरे साल भी खराब रहा।
तिवाड़ी ने तीखे सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विकास यात्रा से पूर्व जनता को यह बताए कि प्रदेश की 27 हजार स्कूलों को बंद करना क्या विकास यात्रा है? उन्होंने यह भी पूछा कि 1.5 लाख भर्तीयों को अटका कर रखना क्या विकास यात्रा है? राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य, कायस्थ और अन्य जातियों का आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल अटका कर रखना क्या विकास यात्रा है?
तिवाड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री को विकास यात्रा की शुरूआत से पहले बताना चाहिए कि रिसर्जेंट राजस्थान और ग्राम (ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट) जैसी योजनाओं में अब तक कितना व्यय किया गया, उससे प्रदेश को कितना निवेश प्राप्त हुआ? जिसके आधार पर कितने बेरोजगार युवाओं को अब तक रोजगार प्राप्त हुआ है?
तिवाड़ी ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य की सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को कभी रिसर्जेंट राजस्थान तो कभी द्रव्यवती नदी के सौंदर्यीकरण तो कभी मेट्रो जैसी योजनाएं लाकर अपनी पीठ थपथपाती दिखती हैं। लेकिन सवाल असल समस्याओं का है जो कि ज्यों का त्यों है।
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि सरकार के पास प्रदेश की आर्थिक समृद्धि और बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई रोडमैप है? अगर नहीं तो फिर क्यों नहीं इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत महसूस की जाती। उन्होंने कहा कि साल 2015 में प्रदेश को छठी रैंकिंग मिली, साल 2016 में दो पायदान लुढ़क कर 8वीं रैंकिंग पर आ गया था और वहीं 2017 में इसे 9वीं रैंकिंग मिली है।
तिवाड़ी ने कहा कि ईज आॅफ डूइंग बिजनेस की पायदान में फिसलने पर सरकार का वही रटा-रटाया जवाब होता है कि सरकार इस पर काम कर रही है। सरकार अगर इस पर वाकई काम कर रही होती तो लगातार तीसरे साल रैंकिंग में नहीं पिछड़ती।
प्रदेश में बेरोजगारी का दानव दिनों दिन प्रतिभाशाली युवाओं के भविष्य को निगलता जा रहा है। इस समस्या के चलते प्रतिभाशाली युवा रोजगार की संभावनाओं की तलाश में प्रदेश से पलायन कर रहा है। जिसके कारण युवाओं की योग्यताओं का लाभ प्रदेश को नहीं मिल पा रहा है।