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आरक्षण चाहिए तो वंसुधरा को हटाओ और राजस्थान बचाओ : तिवाड़ी
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आरक्षण चाहिए तो वंसुधरा को हटाओ और राजस्थान बचाओ : तिवाड़ी

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आरक्षण चाहिए तो वंसुधरा को हटाओ और राजस्थान बचाओ : तिवाड़ी
bharat vahini party rajasthan chief ghanshyam tiwari visits gangapur city
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गंगापुर सिटी। भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कई जातियां पार्टियों से जुड़ाव पहले से रखती हैं। मगर जो खूंटे से बंधा होता है वही भूखा मरता है और जो खुला होता है वो अपनी मर्जी से और भर पेट खाता है। तिवाड़ी ने इशारे इशारे में कहा कि पार्टियों से बंधे रहने से जातियों को नुकसान ही होता है।

उन्होंने कहा कि हम पिछले 4 साल से लगातार वंचित वर्ग के आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसे यह सरकार दबाकर बैठी है। अगर वंचित वर्ग को आरक्षण चाहिए तो मुख्यमंत्री पद से वंसुधरा को हटाओ और राजस्थान को बचाना होगा। वे गंगापुर सिटी के परशुराम छात्रावास में ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

तिवाड़ी ने कहा कि अगर आरक्षण का चिंतन जातिय आधार पर होगा तो जनतंत्र और लोकतंत्र नहीं चलेगा। जनप्रतिनिधि अगर जातिवाद पर सोचता है तो वह जनप्रतिनिधि नहीं है। संविधान सभा गुलाम भारत में बनी थी। उस सभा में लगभग 87 प्रतिशत हिंदू थे, जिनमें भी 84 प्रतिशत केवल ब्राह्मण ही थे।

अगर जातिवाद का सोचते तो ब्राह्मण अपना ही आरक्षण कर लेते। उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण दिया। समाज में आरक्षण को लेकर लड़ाई हो ऐसे फार्मूले को समाप्त करने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, विशेष ओबीसी का आरक्षण जारी रखते हुए वंचित वर्गों के गरीब बच्चों को भी 14 प्रतिशत का आरक्षण मिले। ऐसी सामाजिक समरसता की लड़ाई हम लड़ रहे हैं। हमको हमारी जाति के साथ ही समाज में सामाजिक समरसता के भाव को स्थापित करने की भी जिम्मेदारी है।

तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर बात करते हुए तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में हमेशा से तीसरे मोर्चे के लिए स्थान रहा है और वह स्थान आज भी है। गत वर्ष केंद्र और राज्य, दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकार रही थी। ऐसा ही अबकी बार भी केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारें हैं तब भी अगर प्रदेश को बीमारू राज्य का श्राप दिया जाता है तो उसके लिए अब तीसरा मोर्चा मजबूती से मैदान में उतरेगा।

अनुभव है कि जिन राज्यों में भी क्षेत्रीय दल अस्तित्व में हैं वे केंद्र से अपना हक छीन कर लेते हैं। इसलिए प्रदेश में हमेशा से ही त्रिदलीय अथवा बहुदलीय व्यवस्था मौजूद रही है और जैसे ही विकल्प सामने आएगा प्रदेश की जनता का उसे समर्थन मिलेगा। भारत वाहिनी पार्टी को जिस तरह से प्रदेश भर के युवाओं, किसानों, कर्मचारियों और मजदूरों का समर्थन मिल रहा है, तय है कि राजस्थान तीसरे मोर्चे के लिए पूरी तरह तैयार है।

तिवाड़ी ने कहा कि देश को बहुत पहले स्वतंत्रता मिल जाती अगर सिंधिया परिवार ने देश को घोखा न दिया होता। उन्होंने मुख्यमंत्री की चुनावी यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस मंदिर से मुख्यमंत्री अपनी चुनावी यात्रा शुरू करने जा रही हैं, सालों पहले सिंधिया परिवार उसे तोड़ने के लिए अपने सैनिकों को भेजा था। मंदिर को टूटने से बचाने के लिए बीच में आई 22 महिलाओं के सिर को कलम कर दिया गया। आज भी मंदिर परिसर में उनकी स्मृति में बनी हुई 22 चौकियां सिंधिया वंश की राजस्थान से गद्दारी की गवाही दे रही हैं।