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गुरु ही होता है शिष्य का सबसे बड़ा शुभचिंतक - Sabguru News
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गुरु ही होता है शिष्य का सबसे बड़ा शुभचिंतक

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गुरु ही होता है शिष्य का सबसे बड़ा शुभचिंतक

अजमेर। भारत विकास परिषद अजयमेरु शाखा की ओर से शुक्रवार को सैन्ट्रल एकेडमी स्कूल प्रगति नगर कोटडा में गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम कि अध्यक्षता शाखा अध्यक्ष हनुमान गर्ग श्रीया ने की।

शाखा सचिव अनुपम गोयल ने भारत विकास परिषद का परिचय देते हुए कहा कि परिषद पांच सिद्धातों पर कार्य करती है सम्पर्क, सहयोग, सेवा, सस्ंकार एंव समर्पण। संस्कार प्रक्लप के तहत विद्वालयों में गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की हौसलों की उड़ान अभी बाकी है परिंदों के लिए आसमान बाकी है मन लगाकर आत्मविश्वास के साथ पढ़े और अपने विद्यालय और गुरु का नाम सदैव रोशन करें।

हनुमान गर्ग ने विद्यार्थियों से कहा कि गुरु एक कुम्हार की तरह है, जिस प्रकार कुम्हार मिट्टी के बर्तन का आकार देने के लिए कई प्रकार से उपयोग करता है तब जाकर एक मिट्टी का बर्तन तैयार होता है। इसलिए यदि गुरु किसी बात पर आपको टोके तो विश्वास रखें कि गुरु सदैव शिष्य का भला ही चाहते हैं।

प्रक्लप प्रभारी प्रतीक मंगल ने बताया स्कूल में गुरु शिष्य परम्परा विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। तीन सर्वश्रेष्ठ निबंध लेखन को पुरस्कृत किया गया।

विद्यालय की प्रधानाचार्य अजय सिंह राजपूत ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए सभी भारत विकास परिषद अजयमेरु शाखा सदस्यों का और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रिंसिपल, शिक्षक विनोद माथुर, सायरा अहमद, अक्षिता शोभावत, वर्षा सोलंकी, रशमी गोकट और 5 विद्यार्थि हर्षिता शेखावत, अरविंद बबल, हर्षित अग्रवाल, काजल अरोड़ा व मधुर शर्मा का सम्मान किया गया।