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अजमेर यातायात पुलिस की करतूतों से टेंपों, सिटी बस चालक परेशान
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अजमेर यातायात पुलिस की करतूतों से टेंपों, सिटी बस चालक परेशान

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अजमेर यातायात पुलिस की करतूतों से टेंपों, सिटी बस चालक परेशान

अजमेर। अजमेर की यातायात पुलिस के खिलाफ टेंपों चालकों एवं मालिकों का सब्र टूटता जा रहा है। भारतीय जनता टेंपो यूनियन ने इस बाबत सोमवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई करने की मांग की तथा समस्या निराकरण न होने पर टेंपो, सिटी बस, आॅटो रिक्शा आदि का संचालन अनिश्चितकाल तक के लिए बंद करने की चेतावनी दी है।

सोमवार को यूनियन के गोपाल चंद बनिष्ठियां के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने इस बाबत कलक्टर आरती डोगरा को सौंपे ज्ञापन में बताया कि जिला प्रशासन अपनी यूनियन के जरिए साल 2001 से लेकर बीते 17 साल से किसी भी टेंपों चालक को परिवहन विभाग ने नए परमिट जारी नहीं किए। बावजूद इसके यातायात पुलिस दबाव बनाकर आए दिन परेशान करती है। यातायात व्यवस्था बिगाडने का आरोप लगाकर रूट में बदलाव कर अधिक दूसरी का रूट बना दिया जाता है।

लंबे रूट पर टेंपों को सवारियां नहीं मिलती है, एक दो सवारियों को लेकर चलने पर ईंधन की खपत भी अधिक होती है साथ ही भारी नुकसान उठाना पडता है। आलम यह है कि प्रतिदिन डीजल, पेट्रोल तथा वाहन के रखरखाव का खर्च निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। वे वाहन मालिक अधिक परेशान हैं जिन्होंने बैंक लोन लेकर टेंपों खरीद रखें हैं। वे बैंक की किश्त भरें या अपने परिवार का पालन पोषण करें।

महंगाई के दौर में टेंपोंं चालकों और मालिकों के साथ यातायात पुलिस की ज्यादती ने जीना दूभर कर दिया है, अधिकतर टेंपों चालक मानसिक दबाव के बीच जूझते हुए पेट पालने को मजबूर हैं।

टेंपों यूनियन ने कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था हमारी वजह से नहीं बल्कि बीते 15 साल में दो पहीया और चार पहीया वाहन की बढोतरी से बिगडी है। जनसख्या में भी इजाफा भी यातायात दबाव बढने का कारण है। शहर में टेंपों की संख्या उतनी ही है जितनी 17 साल पहले थी।

परीवहन विभाग टेंपों के नए परमिट जारी नहीं कर रहा जबकि बैटरी से चलने वाले सैकडो रिक्शा को परमिट जारी किए गए हैं। ऐसे में यातायात बिगडने के लिए टेंपों चालकों को दोषी ठहराया जाना न्यायोचित नहीं है।

यूनियन ने मांग की है कि वर्तमान में जो यातायात व्यवस्था है उसे ही यथावत रखा जाए। इस व्यवस्था में सुधार के लिए वैकल्पिक अवसर प्रदान किए जाएं ताकि टेंपों चालकों को मानसिक दबाव तथा आर्थिक नुकसान न हो। आए दिए टेंपों के रूट बदले जाने में भी भेदभावपूर्ण नीति पर लगाम कसी जाए। समय रहते समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन शहर में टेंपो, सिटी बस आदि का संचालन अनिश्चितकाल के लिए बंद करना पडेगा।