भरतपुर। राजस्थान में कुशवाह, काछी, सैनी, माली समाज को 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पिछले छह दिन से भरतपुर के हलेना-वैर रोड पर गांव अरोदा और बेरी के मध्य ठप पड़े आगरा- जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 पर आज भी यातायात सुचारू नही हो पाया।
फुले आरक्षण समिति के बैनर तले चल रहे इस आरक्षण आंदोलन के बीच मंगलवार को एक ग्रामीण द्वारा आन्दोलनस्थल के समीप पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर लेने के बाद अब आरक्षण के साथ मृतक मोहन सिंह को शहीद का दर्जा, परिजनों को सरकारी नौकरी के साथ एक करोड़ की राशि देने की माँग के साथ कुशवाह, काछी, सैनी, माली समाज के हजारों आंदोलनकारी मृतक के शव के साथ हाईवे पर जमे हुए हैं।
इस बीच नदबई से विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने आज फुले आरक्षण समिति के धरनास्थल पर पहुंच आंदोलनकारियों से एकता बनाए रखने की अपील करते उनके आंदोलन का समर्थन किया और आत्महत्या करने वाले आंदोलनकारी मोहन सिंह के परिजनों को व्यक्तिगत तौर पर 2 लाख की नकदी भेंट की।
धरनास्थल पर आंदोलनकारियों के भारी जमावड़े के बीच मृतक मोहन सिंह के शव को लेकर बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं का रो रोकर बुरा हाल है। 24 घण्टे से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम भी नहीं करा सकी है।
बताया गया कि आज एक बार फिर संघर्ष समिति के तरफ से भेजे गए आधा दर्जन सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वैर के उपखंड अधिकारी ललित कुमार मीणा के नेतृत्व में जाम स्थल के निकट एक होटल पर वार्ता हुई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश वर्मा, नायब तहसीलदार अमित कुमार आदि मौजूद रहे लेकिन वार्ता के बाद किसी प्रकार का कोई हल नहीं निकला।