अजमेर। सिन्ध स्मृति दिवस पर 14 अगस्त को भारतीय सिन्धु सभा की ओर से राज्यभर में सभी ईकाईयों द्वारा विचार गोष्ठियां, देश भक्ति आधारित व भारत माता पूजन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह निर्णय प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में लिया गया।
प्रदेश महामंत्री ईश्वर मोरवाणी ने बताया कि 14 अगस्त 1947 को अखण्ड भारत से सिन्ध अलग हुआ था। सभा की ओर से युवा पीढी को प्राचीनत सभ्यता संस्कृति से जोडे रखने के साथ अखण्ड भारत की कल्पना साकार करने का जज्बा बरकरार रखना है। राज्यभर में सभी ईकाईयों द्वारा सिन्ध के मानचित्र के साथ भारत माता पूजन, देश भक्ति आधारित कार्यक्रम, विद्यार्थियों के साथ संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।
संगठन मंत्री डॉ. कैलाश शिवलाणी ने बताया कि कार्यक्रम में युवाओं को जोडकर पंचायत के साथ सामाजिक, धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे। प्रमुख साहित्यकार एवं शिक्षाविद् इस अवसर पर सिन्ध की महान सनातन संस्कृति पर विचार प्रकट करेंगे। ईकाईयों की कार्यकारिणी का शपथग्रहण कार्यक्रम भी किया जाएगा।
राष्ट्रीय मंत्री व प्रदेश प्रभारी महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि सभा की ओर से 14 अगस्त सिन्ध स्मृति दिवस से सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन की 1352वीं जयंती 25 अगस्त तक सिन्धी भाषा ज्ञान प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जाएगा जिसके लिए प्रदेश के भाषा एवं साहित्य मंत्री डॉ. प्रदीप गेहाणी को संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक में सुरेश कटारिया, वंदना वजीराणी (चित्तौडगढ), शोभा बसंताणी(जयपुर), गिरधारी ज्ञानाणी, राजकुमार दादवाणी (खैरथल), मोहन तुलस्यिाणी, महेश टेकचंदाणी, कैलाश लखवाणी (अजमेर), मूलचंद बसताणी, नवलकिशोर गरनाणी (जयपुर), हीरालाल लखवाणी, कोकिलाबेन, राधाकिशन शिवलाणी (पाली), नरेश टहिल्याणी, जय चंचलाणी, सावित्री (कोटा), घनश्याम हरवाणी (श्रीगंगानगर), टीकम पारवाणी, श्याम आहूजा, सुरेश केसवाणी (बीकानेर), घनश्याम मंघनाणी (हनुमानगढ), वासदेव बसराणी, राजा संगताणी (बालोतरा), वीरूमल पुरसवाणी, प्रकाश फुलवाणी, भगवान नथराणी ने भी विचार प्रकट किए।