भीलवाड़ा। राजस्थान में सिंथेटिक कपड़ा बनाने वाले उद्योगों में से एक भीलवाड़ा की यूनिट सुजुकी टेक्सटाइल लिमिटेड की मांडल के गुढ़ा स्थित विविंग इकाई की परिसंपती को आज बैंक द्वारा सीज कर दिया गया।
इस इकाई पर आईडीबीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत सात बैंकों के करीब 144.57 करोड़ रुपए का ऋण बकाया था। यह कपड़ा मिल केवल नक़द भुगतान पर ही व्यापारी को कपड़ा देने के लिए प्रसिद्ध थी।
उद्योग समूह सुजुकी ग्रुप के संचालक रतनेश्वर ईनानी के बिजयनगर (अजमेर) स्थित मकान को बैंक ने पहले ही अपने कब्जे में ले रखा है। सुज़ुकी विविंग इकाई को अपने कब्जे में लेने की सूचना मिलते ही भीलवाड़ा मंडी में एजेंट्स के चेहरे उतर गए जिनका करोड़ों रुपए का कमीशन फंसा हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि सुजुकी टेक्सटाइल्स लिमिटेड पर सात प्रमुख बैंकों के 144 करोड़ 57 लाख 96 हजार 998 रुपए चुकता नहीं किया है। सबसे ज़्यादा 62.17 करोड़ रुपए एसबीआई के हैं। इसके अलावा आइडीबीआई, आइसीआइसीआई, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक का ऋण भी कम्पनी ने नहीं चुकाया है।
सूत्रों ने बताया कि इस ऋण की वसूली के लिए सभी बैंकों की तरफ़ से आइडीबीआई के नई दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय ने पुलिस की मदद से आज सभी ज्ञात परिसंपत्तियों की सीज की कारवाई की है। यह इकाई क़रीब दस वर्षों से बंद है और बाज़ार में इसके प्रमोटर्स के दिवालिया होने की बात कही जा रही है।