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पुलिस ने जिग्नेश, खालिद का सम्मेलन रोका, तनाव - Sabguru News
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पुलिस ने जिग्नेश, खालिद का सम्मेलन रोका, तनाव

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पुलिस ने जिग्नेश, खालिद का सम्मेलन रोका, तनाव
Bhima Koregaon violence : Jignesh Mevani-Umar Khalid event denied permission in Mumbai; protesters detained
Bhima Koregaon violence : Jignesh Mevani-Umar Khalid event denied permission in Mumbai; protesters detained

मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार को ‘महाराष्ट्र बंद’ के दौरान हिंसा के बाद गुरुवार को गुजरात के दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद की मौजूदगी में होने वाले सम्मेलन पर अचानक रोक लगा दी, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

दूसरी तरफ, पुणे पुलिस ने इन दोनों नेताओं के खिलाफ 31 दिसंबर को शनिवारवाड़ा में एक बैठक के दौरान कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाएं भड़काने आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।

मुंबई पुलिस ने गुरुवार सुबह विले पार्ले स्थित भाईदास हॉल को अपने कब्जे में ले लिया, जहां वामपंथी रुझान वाले छात्र संगठन छात्र भारती का अखिल भारतीय सम्मेलन होना था। इस सम्मेलन को जिग्नेश और खालिद संबोधित करने वाले थे।

गुजरात की राजनीति में दलित चेहरे के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक मेवाणी पिछले माह हुए गुजरात चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं।

पुलिस ने निर्धारित सम्मेलन को मुंबई में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू होने का हवाला देते हुए रद्द कर दिया। ज्ञात हो कि बुधवार को राज्यव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा में नांदेड़ में 16 वर्षीय एक छात्र की मौत हो गई थी।

पुलिस के कदम का विरोध कर रहे छात्र भारती के सदस्यों ने अक्रामक आंदोलन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। साथ ही उन्होंने आयोजन स्थल के बाहर बैठने का प्रयास किया। कई सदस्य बाहर के मुख्य मार्गो पर भागते हुए दिखाई दिए।

पुलिस को ललकारते हुए कुछ सदस्यों ने प्रेक्षागृह में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बाहर खदेड़ दिया। कुछ को हिरासत में लेकर पुलिस की गाड़ी में डाल दिया गया।

छात्र भारती के उपाध्यक्ष सागर भालेराव ने कहा कि दिनभर चलने वाले सम्मेलन की योजना बहुत दिनों पहले बनाई गई थी। प्रशासन से इसकी अनुमति ली गई थी, लेकिन शुरू होने से पहले अनुमति रद्द की दी गई। इस सम्मेलन में और भी प्रसिद्ध हस्तियों को आमंत्रित किया गया था।

महाराष्ट्र के एक विधायक कपिल पाटील ने कहा कि कई लड़कियों समेत 800 छात्रों और प्रतिनिधियों को पुलिस की गाड़ी में डाल दिया गया और उन्हें विभिन्न पुलिस थाने ले जाया गया, जहां उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया।

पाटील ने मीडिया को बताया कि पुलिस भाजपा-शिवसेना सरकार के इशारे पर कार्य कर रही है और छात्रों की आवाज को दबा रही है, क्योंकि ये छात्र जो सवाल उठा रहे हैं, उसका जवाब फासीवादी सरकार के पास नहीं है।

हिरासत में लिए गए छात्रों को छोड़ने की मांग करते हुए कई छात्रों ने जुहू पुलिस थाने के बाहर बैठकर सरकार विरोधी नारे लगाए।

पुणे में पुलिस ने बुधवार की रात मेवाणी और खालिद के खिलाफ कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। यह प्राथमिकी पुणे के 22 वर्षीय छात्र अक्षय जी. बिक्कड़ की शिकायत पर दर्ज की गई।

बिक्कड़ ने कहा कि 31 दिसंबर को आयोजित एक बैठक में मेवाणी और खालिद ने कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए, जो सुमदायों के बीच गलतफहमी बढ़ा सकते हैं। उसने अपनी शिकायत में भाषणों के आपत्तिजनक अंश भी दिए।

शिकायत में कहा गया है कि यह भड़काऊ भाषण समुदायों के बीच दुश्मनी और खाई को बढ़ा सकते हैं और इसी उकसावे के कारण भीमा-कोरेगांवा स्थित विजय स्तंभ पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया, नतीजन एक जनवरी को दंगे और आगजनी हुई। जबकि सच तो यह है कि हिंदू एकता महासभा के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। हमले में शामिल लोगों के तिलकधारी चहरे कई समाचार चैनलों पर दिखाए भी गए हैं।

यह कदम महाराष्ट्र में फैली अशांति के बाद उठाया गया। इस अशांति की शुरुआत 29 दिसंबर को वाधु बुद्रुक में दलित योद्धाओं के एक स्मारक को अपवित्र किए जाने से हुई, जिसके बाद भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को दंगे हुए, जिसमें एक दलित युवक की मौत हो गई। उसके बाद महाराष्ट्र बंद के दौरान राज्यभर में दलित युवकों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की और इस दौरान हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी।