भीटी/अंबेडकर नगर। स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम सभा काही के मजरा त्रिलोकपुर में बीते 11 सितंबर को जमीनी रंजिश में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई थी जिसमें दोनों पक्षों से गंभीर चोटें आई थी।
मनमोहन तिवारी की माता को गंभीर चोट लगने के कारण अपनी मोटरसाइकिल से भीटी सीएचसी में भरती करवाया। इसी बीच दूसरा पक्ष भी चोटिल लोगों को लेकर के भीटी सीएससी पहुंच गया।
कांस्टेबल वेद प्रकाश सोनी और कांस्टेबल पवन कुमार मिश्रा मनमोहन तिवारी को गिरफ्तार कर लेते हैं और ले आकर कटघरे में बंद कर देते हैं और इन्हीं दोनों की शह पर मोटरसाइकिल गायब करा दी जाती है।
आज करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी ना तो मोटरसाइकिल बरामद कराई गई और ना ही एफआईआर दर्ज हुई। मनमोहन ने बताया कि हमने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवा दी है और कहा कि वेद प्रकाश द्वारा ₹10000 पहले से ही ले लिया गया है इसके बाद भी हमारी मोटरसाइकिल बरामद नहीं कराई गई और ना ही एफआईआर दर्ज करी गई।
मनमोहन ने आरोप लगाया है कि कौशल शुक्ला पुत्र बंशीधर शुक्ला, अमित दुबे पुत्र उद्धव प्रसाद प्रदुम तिवारी पुत्र कृष्ण तिवारी काही तिलोकपुर रघुनंदन तिवारी पुत्र राधेश्याम तिवारी ग्राम करौदी थाना हैदरगंज के निवासी हैं जिनके द्वारा यूपी 45 सी 7364 गाड़ी को दुबाने के पूरा की तरफ मोटरसाइकिल ले जाकर कहीं छुपा दिया।
जबकि कुछ लोगों के यहां मनमोहन द्वारा बताया गया कि इन इन लोगों के घर में मोटरसाइकिल मिल सकती है, उसके बाद भी पुलिस उनके घर की तलाशी तक नहीं ले सकी। मनमोहन करीब 15 दिन से लगातार थाने का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। थाना अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है विवेचना के दौरान चोरी का मुकदमा और धारा बढ़ाई जाएगी।
कहीं ना कहीं इस मामले में भीटी थाने के दो सिपाही जमीनी विवाद से लेकर मारपीट करवाने तक इंवॉल्व रहे हैं। अगर यह दोनों सिपाही चाहते तो मामला बिना मारपीट के ही निपट सकता था लेकिन इन सिपाहियों के कारण भीटी थाने के इस गांव का मामला ज्यादा तूल पकड़ता गया और पुलिस द्वारा पैसे की वसूली की जाती रही।
मामला यहीं नहीं रुकता इसी थाना क्षेत्र के इनौना ग्राम सभा से भी लैला मजनू की कहानी में करीब 20000 लिया गया है। मामला फिर यही नहीं रुकता ग्राम सभा गौरा में भी बड़े पैमाने पर धन उगाही की गई है। लंबे समय से एक ही थाने में जमे इन सिपाहियों का कारनामा अवैध आरा मशीन चलाना, अवैध गांजा बेचवाना, हरे पेड़ों पर आरा चलवाना से भी जुडा है।