छपरा/पटना। बिहार में भोजपुरी लोक गायन क्षेत्र का उभरता सितारा अनुभूति शांडिल्य उर्फ तीस्ता बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं।
देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर कुंवर सिंह की गाथा को अपनी गायकी के जरिये देश दुनिया में पहुंचाने वाली तीस्ता बीती देर रात पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जीवन का संग्राम हार गईं।
महज 17 वर्ष की आयु में अपने हुनर का लोहा मनवा चुकी तीस्ता शरीर के खून के संक्रमण से नहीं लड़ पाई। बुधवार दोपहर सारण जिले के रिविलगंज में सेमरिया शमशान घाट पर भाई उद्धव शांडिल्य ने उन्हें मुखाग्नि दी।
इस दौरान तीस्ता के प्रशंस्कों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोकगायिका की अंतिम यात्रा में छपरा के विधायक डॉ. सीएन गुप्ता, पूर्व विधायक रणधीर सिंह, कलाकार रामेश्वर गोप, रमेश सजल, मनन गिरी, जलेश्वर सिंह, चांद किशोर सिंह, रत्नेश रत्न, हेमंत गिरी, शैलेन्द्र मिश्रा, आलम राज, दिवाकर सिंह, दीपक गिरी, मुकुल माही समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौकब कादरी ने बिहार से भोजपुरी लोक विधा की बेहद कम उम्र की सुप्रसिद्ध गायिका, बिहार से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर कुंवर सिंह जी की गाथा लिखने एवं कर्णप्रिय सुर में गाने वाली भोजपुर की होनहार बेटी, अनुभूति शांडिल्य उर्फ तीस्ता की 17 वर्ष की उम्र में असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि समस्त बिहारवासी एवं भोजपुरी जगत स्तब्ध और शोकाकुल है।
कादरी ने कहा कि हम उनकी आत्मा की शान्ति की कामना करते हैं। ईश्वर तीस्ता के परिवार को इस भीषण दुःख को सहने की शक्ति दे।