भोपाल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज भोपाल मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास करने के बाद भोपाल मेट्रो का नाम राजा भोज के नाम से ‘भोज मेट्रो रेल’ करने की घोषणा की।
कमलनाथ ने कहा कि शहरों को सुरक्षित और सुंदर रखने के लिए यह जरूरी है कि उनका विस्तारीकरण बुनियादी सुविधाओं के साथ हो। मुख्यमंत्री आज भोपाल मेट्रो रेल परियोजना का भूमिपूजन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना के भूमिपूजन के साथ ही विकास के एक नये अध्याय की शुरुआत प्रदेश में हो रही है। उन्होंने कहा कि मेट्रो सिर्फ आवागमन की दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं बल्कि शहरों पर बढ़ती हुई आबादी का नियोजन बेहतर ढंग से हो इसके लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य को देखते हुए शहरों के मास्टर प्लान को इस तरह तैयार करना होगा जिससे हम आने वाली पीढ़ी को एक हर दृष्टि से सर्वसुविधायुक्त शहर दे सकें।
उन्होंने दिल्ली के पास विकसित हुए नोएडा और गुड़गांव का उल्लेख करते हुए कहा कि आज अगर ये दो नए क्षेत्र विकसित नहीं होते तो दिल्ली की क्या हालत होती इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए यह जरुरी है कि हम समय से शहरों के विस्तार की योजना बनाएं और लोगों को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शहर स्वच्छ हों, स्मार्ट हों इसके साथ यह भी जरूरी है कि परिवर्तन के इस दौर में हम अपनी सोच में भी बदलाव लाएं। हर नागरिक अपने अंदर परिवर्तन लाये और अपने शहर को स्वच्छ सुंदर और व्यवस्थित बनाने में सहयोग करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि भोपाल शहर का बहुप्रतिक्षित मेट्रो रेल का स्वप्न पूरा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोग से 2022 तक इस परियोजना की पहली लाइन को पूरा कर देंगे। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्रों के विकास और विस्तार को लेकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में दो कॉरीडोर बनेंगे। पहला कॉरीडोर करोंद से एम्स तक और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहे तक बनेगा। जिसकी कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपये होगी।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय शंकरदयाल शर्मा के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले व्यक्ति हैं जो भोपाल के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि भोपाल की जनता मुख्यमंत्री कमलनाथ की आभारी है, जिन्होंने भोपाल मेट्रो रेल की सौगात को आज जमीन पर साकार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ केन्द्रीय मंत्री के रूप में भी निरंतर भोपाल के विकास के लिए भरपूर राशि देते रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री स्वर्गीय बाबूलाल गौर कमलनाथ से शहरी विकास मंत्री के रूप में जब मिले थे तब उन्होंने भोपाल में नर्मदा जल लाने के लिए 500 करोड़ रुपये देने की मांग की थी और कमलनाथ ने तत्काल यह राशि मध्यप्रदेश सरकार को दी थी। आज भोपालवासियों को जो नर्मदा जल मिल रहा है यह मुख्यमंत्री कमलनाथ की ही देन है।
शर्मा ने बताया कि जब कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब भोपाल से दो फ्लाइट जाती थीं, दिल्ली और मुम्बई। उन्होंने कहा कि आज हैदराबाद, अहमदाबाद, इन्दौर से दुबई की भी फ्लाइट शुरु हो गई। उन्होंने कहा कि इससे विकास की न केवल गति बढ़ेगी बल्कि जिस नियोजित तरीके से चिंता के साथ मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं उससे आने वाले 5 पाँच साल में प्रदेश की दशा और दिशा दोनों ही बदल जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि वर्षों पुरानी विचाराधीन मेट्रो रेल की यह योजना आज शुरु होने जा रही है। उन्होंने कहा कि भोपाल के विकास के साथ पूरे प्रदेश में जो अधूरी योजनाओं को पूरा करने में मुख्यमंत्री कमलनाथ काम कर रहे हैं उससे निश्चित ही प्रदेश के विकास का एक नया नक्शा बनेगा। उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल उनके विजन डाक्यूमेंट का एक हिस्सा था।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने मेट्रो रेल परियोजना का विधिवत पूजन किया और शिला-पट्टिका का अनावरण किया।
भोपाल नगर निगम के महापौर आलोक शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे ने भोपाल मेट्रो परियोजना के निर्माण की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन क्षेत्रीय विधायक आरिफ मसूद ने किया।