रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भू-जल स्तर ऊंचा उठाने के लिए कारगर कदम उठाने पर जोर देते हुए भू-जल में खारे पानी की बढ़ने की शिकायतों पर चिंता व्यक्त की हैं।
बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य की महत्वाकांक्षी योजना ‘नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी‘ के प्रस्तावित कार्यो पर विचार मंथन करते हुए कहा कि भू-जल स्तर ऊंचा उठाने के लिए कारगर कदम उठाने की जरूरत है।वर्षा के माध्यम से मिलने वाले पानी को सतह पर ही तालाब नालें आदि के माध्यम से रोके वहीं जमीन की नमी को बढ़ाये और भू-जल स्तर को ऊंचा उठाए।
उन्होंने राज्य के आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से सतही जल स्त्रोतो एवं तालाबों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने महानदी के रेतीले क्षेत्रों में डाईक वाल बनाने के निर्देश भी दिए।उन्होने बिलासपुर जिले की अरपा नदी के कैचमेंट एरिया के नालों को पुनर्जीवित करने के लिए इनका ट्रीटमेंट प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।
बघेल ने कहा कि नदी-नालों को रिजार्च करने के कार्य में अलग-अलग स्थानों की भू-संरचना का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बेमेतरा जिले की बेरला तहसील में जहां शिवनाथ नदी में पानी रहता है वहीं इसके तालाबों आदि का पानी सूख जाता है। उन्होंने पूछा कि बरसात या अन्य समय में सौर ऊर्जा या अन्य साधनों से समीपवर्ती नालों एवं तालाबों को पानी से भरा जा सकता है।