रोहतक। हरियाणा की राजनीति में भूचाल लाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज कांग्रेस के खिलाफ बगावत के सुर छेड़ दिए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस भी कुछ भटक गई है।
परिवर्तन महारैली में हुड्डा ने कहा कि वह सारी पाबंदियों से मुक्त होकर आए हैं और जो कुछ कहेंगे मन से कहेंगे। उन्होंने आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार होने की भी बात कही और कहा कि आप साथ दो, मैं चंडीगढ़ में आपकी सरकार बनाकर दूंगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि लक्ष्य एक ही है और एक ही नारा है जिसे लेकर आपको जाना है ‘खट्टर सरकार एक धोखा है हरियाणा बचा लो एक मौका है।
उन्होंने कहा कि उनका परिवार चार पीढ़ियों से कांग्रेस में है। उन्होंने हमेशा देशहित और पार्टीहित की सोच रखी। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले पर उनकी पार्टी भी कुछ भटक गई और उनके बहुत सारे साथियों ने विरोध किया। लेकिन जहां तक देशभक्ति और स्वाभिमान का सवाल है उन्होंने न किसी से समझौता किया है और न ही करेंगे।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर उन्होंने विधानसभा में प्रस्ताव पास किया। भारतीय जनता पार्टी इस पर राजनीति न करे। उन्होंने सवाल पूछा कि हरियाणा की भाजपा किस बात पर इतरा रही है। विधानसभा में प्रस्ताव के समर्थन में भाजपा भी थी और वह भी थे। हरियाणा की भाजपा इकाई ने अलग से क्या कर दिया। जो 370 की आड़ लेकर राजनीति कर रही है।
उन्होंने लोगों का आवाह्न किया कि वो भाजपा के नेताओं से 370 की आड़ में पांच साल का हिसाब लेना न भूलें। अपने संबोधन में उन्होंने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला।
रैली में विधायक रघुवीर कादयान ने हुड्डा को ‘भविष्य की कार्रवाई‘ निर्धारित करने के लिए अधिकृत करता एक प्रस्ताव पेश किया। जिस पर हुड्डा ने कांग्रेस को लेकर कहा कि वह अकेले कोई फैसला नहीं कर सकते। इसका फैसला चंडीगढ़ में 25 सदस्यीय समिति करेगी। समिति में 13 विधायक और 12 अन्य साथी हैं। अंत में उन्होंने अपनी बात इस अंदाज में पूरी की, उसूलों पर आंच आये तो टकराना जरुरी है, जिंदा हैं तो जिंदा नजर आना जरुरी है।
इससे पूर्व रैली में उनके पुत्र और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी अनुच्छेद 370 पर अपना रुख दोहराते हुए कहा कि देश की अखंडता के लिए, जम्मू-कश्मीर राज्य के अच्छे भविष्य के लिए 370 को हटाने का समय आ गया था। जिसका उन्होंने सबसे पहले इसका समर्थन किया। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग देशहित को अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल करते हैं उनका समर्थन दीपेन्द्र कभी नहीं कर सकता, भाईचारे को तोड़ने की विचारधारा का कभी समर्थन नहीं कर सकता।