नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने भूषण स्टील के प्रोमोटर नीरज सिंघल को दी गई अंतरिम जमानत पर रोक लगाने से मंगलवार को इन्कार कर दिया। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से सिंघल को दी गई जमानत को चुनौती दी थी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में सिंघल को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत को बहाल रखा है। न्यायालय ने हालांकि मामले पर रोक लगाते हुए पूरे मामले को अपने पास स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया है।
भूषण स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक सिंघल पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग 80 तरह की फर्मों को तैयार किया और उसके बाद बैंक कर्ज से 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा का ऋण लेकर उसमें हेराफेरी की।
इस महीने की शुरुआत में ही एसएफआईओ ने सिंघल को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। श्री सिंघल को उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद एसएफआईओ ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत का रुख किया था। एजेंसी ने हवाला दिया था कि उनकी रिहाई से जांच प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
गौरतलब है कि बीते साल भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जिन 12 गैर-निष्पादित परिसम्पत्ति (एनपीए) खातों की पहचान की गई थी, भूषण स्टील भी उनमें से एक था, जिनके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जानी थी। मई महीने में टाटा स्टील ने इस कंपनी को खरीद लिया और उसने बकाये का निपटारा 35,200 करोड़ रुपए में किया।