हैदराबाद। कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से गुरुवार को मुलाकात कर उन्हें पार्टी विधायक दल के तेलंगाना राष्ट्र समिति में विलय का पत्र सौंपा।
इस संबंध में सभी 12 विधायकों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा तथा बाद में टीआरएस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के कैंप कार्यालय सह सरकारी निवास प्रगति भवन गए।
गौरतलब है कि गत वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी के लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 18 रह गई थी।
कांग्रेस के 11 विधायकों के आधिकारिक रूप से टीआरएस में शामिल होने की घोषणा के बाद दल-बदल करने वाले विधायकों को टीआरएस में विलय के लिए 12 विधायकों की जरूरत थी। दल-बदल कानून के तहत पार्टी के कुल विधायकों के दो तिहाई विधायकों के दूसरे दल में शामिल होने या विलय करने की अनिवार्यता होती है।
इससे पहले गुरुवार को तंदूर से कांग्रेस विधायक रोहित रेड्डी ने भी टीआरएस में शामिल होने का फैसला कर आवश्यक संख्या बल पूरी कर दी है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि रेड्डी के शामिल होने के बाद टीआरएस में कांग्रेस विधायक दल के विलय का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
यदि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस के 12 विधायकों के आग्रह को स्वीकार कर लेते हैं तो कांग्रेस विधानसभा में विपक्ष के दल का दर्जा भी खो देगी। टीआरएस में विलय के बाद कांग्रेस के केवल छह विधायक रह जाएंगे।
विधानसभा चुनाव में टीआरएस 88 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि इसकी सहयोगी एमआईएम ने सात और भारतीय जनता पार्टी ने एक सीट जीती थी।