चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पिछले महीने 40 दिनों के पैरोल पर रिहाई के मामले में एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने हरियाणा सरकार के इस कथन पर कि सरकार उनके 29 अक्टूबर को दिये ज्ञापन पर एक सप्ताह में फैसला लेगी, याचिका को वापस ले लिया। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और न्यायमूर्ति अरुण पल्ली ने याचिका को खारिज किया।
याचिकाकर्ता ने, जनहित याचिका, जो पहले रिट के रूप में दाखिल की गई थी, में कहा था कि बलात्कार एवं हत्या के मामले में सज़ा भुगत रहे डेरा प्रमुख को अक्टूबर में 40 दिनों के पैरोल पर रिहा किया गया था और वह बागपत (उत्तर प्रदेश) आश्रम से नियमित रूप से ऑनलाइन सत्संग कर रहे हैं और एक गीत भी यू-ट्यूब पर जारी किया है। इससे पड़ोसी राज्य पंजाब में शांति भंग होने का खतरा है। इसके अलावा महिलाओं को पुत्र होने का मंत्र भी दिया जा रहा है, जो ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज़ एक्ट 1954 का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता हरियाणा के मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर भी डेरा प्रमुख का पैरोल रद्द करने की मांग की थी, हरियाणा सरकार ने आज अदालत में स्पष्ट किया कि वह इस पर एक सप्ताह में फैसला लेंगे, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।