हिंदी दिवस की आप सभी को शुभकामनाएं यूं तो आज हिंदी दिवस है लेकिन भारत में रहने वालों की ऐसी दुर्दशा है कि वह हिंदी को केवल हिंदी दिवस के दिन ही याद कर पाते हैं बाकी समय तो हिंदी को शर्म की माला पहनाकर बचते चले जाते हैं। और एक सबसे बड़ा सच यह भी है कि आज की पीढ़ी को तो हिंदी ना तो ढंग से पढ़ना आता है ना उच्चारण करना आता है और ना ही लिखना आता है।
यह बिल्कुल कटु सत्य है और सबसे बड़ी गलती तो लिखने में की जाती है कई बड़ी-बड़ी वेबसाइट चाहे वह न्यूज़ की क्यों ना हो जिनमें से कइयों के तो बड़े-बड़े चैनल भी चला करते हैं और कई तो बड़े-बड़े अखबार निकला करते हैं यहां पर किसी का भी नाम लेना उचित नहीं है लेकिन यदि आपके मन में किसी का भी नाम आता है तो आप खुद उनकी वेबसाइट पर जाकर देख लीजिए कि उन्होंने हिंदी की क्या दुर्दशा करी है।
हिंदी का तो यह हाल है कि यहां पर हिंदी में खड़ी पाई यानी अल्पविराम यह जगह पर लोग फुलस्टॉप यानी डॉट का इस्तेमाल करते हैं। यदि आपको विश्वास नहीं है तो आप किसी भी बड़े नाम वाली वेबसाइट पर जाकर देख लीजिए आपको लगभग 80% वेबसाइट में खड़ी पाई की जगह डॉट का स्तर ज्यादा मिलेगा और शर्म की बात यह है कि हम हिंदी पढ़ने वाले लोग ऐसी वेबसाइटों को प्राथमिकता भी दे देते हैं।
बात भले ही बहुत छोटी सी हो पर यह इतनी छोटी भी नहीं कि इसे नजर अंदाज कर दिया जाए यदि देखा जाए तो यह हिंदी का बहुत ही बड़े रूप से अपमान हो रहा है और इस अपमान के वह सभी भागीदार हैं जो कि इसे पढ़कर आगे बढ़ देते हैं आखिर आपको क्या करना चाहिए यदि आपको किसी प्रकार की ऐसी वेबसाइट नजर आती है चाहे वह हमारी ही क्यों ना हो उन पर आपको किसी प्रकार की टिप्पणी करनी चाहिए और इसका विरोध करना चाहिए।
अनुमान लगाइए क्या हिंदी में खड़ी पाई अल्पविराम के स्थान पर डॉट का इस्तेमाल करना सही है आपके अनुमान के बाद है। इसका विश्लेषण निकलता है और उसके बाद आपके जैसी कई आवाजों से हो सकता है कि इसके लिए कोई बिगुल बज उठे और बड़े बड़े संस्थानों की वेबसाइट पर होने वाली गलतियां आपके इस प्रयास से सुधर सके। हमारी तरफ से हिंदी को लेकर बहुत ही सटीक रूप से प्रयास किया जाता है। की हिंदी की जो महत्वता है वह बनी रहे और इसका नामोनिशान मिटाने से बच सकें।